नवीन जैन का ब्लॉग: पहले से ज्यादा बढ़ चुकी है हाथ धोने की प्रासंगिकता

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 15, 2020 05:54 PM2020-10-15T17:54:57+5:302020-10-15T17:54:57+5:30

कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तरह तेजी से फैला है, उसके बाद पूरी दुनिया में हाथ धोने को लेकर जागरूकता बढ़ी है. हाल ही में हाथ धोने को लेकर एक सर्वे किया गया जिसमें 22 देशों के करीब 20 हजार लोग शामिल हुए.

Naveen Jain blog: Relevance of hand washing increased more than before after coronavirus | नवीन जैन का ब्लॉग: पहले से ज्यादा बढ़ चुकी है हाथ धोने की प्रासंगिकता

हाथ धोने की प्रासंगिकता काफी बढ़ गई है (फाइल फोटो)

Highlights अच्छी तरह से हाथ धोने से केवल कोरोना नहीं कई बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है. दिमागी बुखार, इन्फ्लुएंजा, सांस संबंधी रोगों, हेपेटाइटिस ए, डायरिया, स्किन प्रॉब्लम से छुटकारा संभव

प्राचीन काल से हमारे यहां पीने का पानी रखने का स्थान जहां हम मटका या घड़ा रखते हैं, वह जगह बहुत शुभ मानी जाती है. वहां शाम में दीपक लगाने की भी मान्यता है. जब हम वहां से पीने का पानी भरते हैं तो उसके पास ही एक छोटा गड्ढा रखते हैं जिसमें हम हाथ धोते हैं. 

इसका संबंध मात्र हिंदू सभ्यता की एक प्रथा से नहीं है बल्कि यदि हमारी सभ्यता का गहन अध्ययन किया जाए तो पता चलेगा कि हमारी हर आदत और आचरण के पीछे एक तर्कसंगत वैज्ञानिक कारण है. कोविड-19 के कहर में चाहे डब्ल्यूएचओ हो या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, लोगों से अन्य सुझावों के अलावा बार-बार हाथ धोने की अपील कर रहे हैं.  

डॉक्टर से लेकर सेलिब्रिटी तक हाथ धोने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि हाथ किन साधनों से धोएं, कितनी बार धोएं, कैसे धोएं वगैरह. वर्ल्ड हैंड वाशिंग डे के अवसर पर हाथ धोने की महत्ता और ज्यादा समीचीन हो गई है.

हाथ धोने को लेकर सर्वे

हाल ही में हाथ धोने को लेकर एक सर्वे किया गया जिसमें 22 देशों के करीब 20 हजार लोग शामिल हुए. इस सर्वे में पाया गया कि कोरोना से बचने के लिए 91 फीसदी ऑस्ट्रियाई लोगों ने हैंड वाशिंग को अपनी आदत में शुमार किया.

दूसरे स्थान पर बुल्गारिया रहा, जहां 89 फीसदी लोगों ने माना कि हाथ धोने से हम बहुत हद तक कोरोना से बचेंगे. तीसरे स्थान पर भारत आया, जहां 72 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए हैंड वाशिंग बहुत कारगर है. इस सर्वे में आखिरी स्थान पर पाकिस्तान रहा. वहां महज 41 फीसदी लोगों ने हैंड वाशिंग को अपनाया.

पहला ग्लोबल हैंड वाशिंग डे 2008 में मनाया गया था, जिसमें विश्वभर के 70 से अधिक देशों के 12 करोड़ से अधिक बच्चों को साबुन से हाथ धोने की प्रक्रिया समझाई गई. संदेश यही था कि सही तरीके से हाथ धोने से आप कई तरह के इन्फेक्शन्स तथा बीमारियों से बच सकते हैं. 

अच्छी तरह से हाथ धोने से दिमागी बुखार, इन्फ्लुएंजा, सांस संबंधी रोगों, हेपेटाइटिस ए, डायरिया तथा कई तरह की स्किन प्रॉब्लम जैसी बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है. कहा जाता है कि सही ढंग से हाथ धोने से तकरीबन 99 फीसदी कीटाणु निकल जाते हैं. 

कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, ऐसे में सबसे ताकतवर हथियारों में मास्क के अलावा हाथ धोने की आदत ही है. सूखी त्वचा की तुलना में गीली त्वचा से रोगाणुओं के फैलने की संभावना अधिक होती है.

Web Title: Naveen Jain blog: Relevance of hand washing increased more than before after coronavirus

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे