डॉ. संजय शर्मा का ब्लॉग: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या प्रारूप : शिक्षा को जनोन्मुखी बनाने की कोशिश

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 14, 2023 11:59 AM2023-04-14T11:59:18+5:302023-04-14T12:00:21+5:30

600 से अधिक पृष्ठों एवं पांच खंडों में विभाजित इस मसौदे के लिए मोबाइल एप्प सर्वेक्षण से प्राप्त 1,50,000 प्रतिक्रियाओं एवं 12,00,000 से अधिक नागरिक केंद्रित सर्वेक्षण के आंकड़ों को आधार बनाया गया है.

National Curriculum Framework an attempt to make education people-oriented | डॉ. संजय शर्मा का ब्लॉग: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या प्रारूप : शिक्षा को जनोन्मुखी बनाने की कोशिश

(फाइल फोटो)

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2024) का मसौदा तैयार किया है. 600 से अधिक पृष्ठों एवं पांच खंडों में विभाजित इस मसौदे के लिए मोबाइल एप्प सर्वेक्षण से प्राप्त 1,50,000 प्रतिक्रियाओं एवं 12,00,000 से अधिक नागरिक केंद्रित सर्वेक्षण के आंकड़ों को आधार बनाया गया है.

अंतरिम रूप से तैयार यह दस्तावेज भारतीय मानस और संस्कृति को शिक्षा के माध्यम से पुनर्संरचित करने की दिशा में एक नवाचारी पहल है, जहां भावी नागरिक 'भारतीय' पाठ्यक्रम के माध्यम से देशज ज्ञान, विज्ञान और भाषा के साथ आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष हो सकेगा. 

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का मुख्य ध्येय बच्चे के स्थानीय और सामाजिक दोनों संदर्भों में सीखने की स्थिति को स्कूली शिक्षा के सभी चरणों में भारत-केंद्रित के साथ एकीकृत करना है. 

सीखने-सिखाने के अवसरों को पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न करते हुए यह दस्तावेज विद्यालय के भौतिक परिवेश को भी एक शिक्षण-शास्त्रीय उपकरण और स्थिति के रूप में उद्घाटित करता है. शिक्षण-अधिगम में बाल-केंद्रीयता, शिक्षक की सहयोगी भूमिका और उसकी सभी तक पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए कक्षाओं में बच्चों की बैठक-व्यवस्था को एक प्रभावी कारक के रूप में स्वीकार किया गया है. 

इस नए मसौदे में सुझाव दिया गया है कि स्कूल चयन कर सकते हैं कि वे कक्षाओं में शिक्षकों के लिए कुर्सियां उपलब्ध न कराएं ताकि उनकी गत्यात्मकता प्रभावी बन सके. यह दस्तावेज इस रूप में भी नवाचारी है कि यह विभिन्न लिंगों और दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालय में अलग-अलग शौचालय, बालिकाओं के शौचालयों में सैनिटरी पैड का स्टॉक एवं उपयोग किए गए सैनिटरी पैड के सुरक्षित निपटान के लिए ढके हुए कूड़ेदान की उपलब्धता आदि को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण-अधिगम के लिए अनिवार्य मानता है.

बच्चों एवं शिक्षकों के लिए परीक्षा और मूल्यांकन को सहज और आनंददायी बनाने के लिए उनकी प्रकृति, संरचना और प्रक्रियाओं में कई बदलावों को प्रस्तावित किया गया है, जिसके तहत परीक्षाओं को सहज बनाना, बच्चों की सहूलियत के अनुसार ऑन-डिमांड परीक्षा का आयोजन, मूल्यांकन को शिक्षण-अधिगम के साथ जोड़ना आदि सम्मिलित है. 

इस दस्तावेज ने विषयों एवं अनुशासन की शाश्वत जड़ता को समाप्त करने की बात कही है, जहां विद्यार्थी अब अपनी रुचि और सहूलियत के आधार पर बहु-विषयक अनुशासन का चयन कर सकेगा. अपनी प्रकृति, संरचना और निर्माण प्रक्रिया में यह दस्तावेज प्रगतिशील है.

Web Title: National Curriculum Framework an attempt to make education people-oriented

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