Blog: मेरे सरकते दुपट्टे पर निगाहें ना डालो, यहां कुछ नया नहीं है

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 26, 2018 04:27 PM2018-03-26T16:27:46+5:302018-03-26T18:10:45+5:30

हमारे समाज में पुरुष अगर अंडरवियर पहनकर कहीं भी जा सकता है नहा सकता है तो उनपे सवाल नहीं उठते हैं, लेकिन महिलाओं का दुपट्टा हल्का सा सरक जाए, तो कुंठा से भरी कई आंखें न जाने क्या देखने की कोशिश करने लगती हैं।

molestation blog for women safety | Blog: मेरे सरकते दुपट्टे पर निगाहें ना डालो, यहां कुछ नया नहीं है

Blog: मेरे सरकते दुपट्टे पर निगाहें ना डालो, यहां कुछ नया नहीं है

जीवन में तू डरना नहीं, सर नीचा कभी करना नहीं... हिम्मत वाले को मरना नहीं। ये लाइन हर लड़की को अपने जीवन में याद रखनी चाहिए, उसे कभी गलत के लिए चुप नहीं रहना चाहिए कम से कम गलत को ठीक नहीं कर सकती हैं तो बोल तो सकती हैं। यूं तो देश में लड़कियों को बराबरी का हक देने की बात कही जाती है लेकिन जब बात कपड़ों की आती है तो न जाने वो बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोगों की सोच छोटे कपड़ों में कैसे उलझ जाती है। आज भी हमारे देश में उनके पहनावे पर रोक लगाई जा रही है। अगर लड़की की स्कर्ट छोटी है तो मतलब उसका चरित्र खराब। कपड़ों से चरित्र तक का आकलन कर लिया जाता है।

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हमारे समाज में पुरुष अगर अंडरवियर पहनकर कहीं भी जा सकता है नहा सकता है तो उनपे सवाल नहीं उठते हैं, लेकिन महिलाओं का दुपट्टा हल्का सा सरक जाए, तो कुंठा से भरी कई आंखें न जाने क्या देखने की कोशिश करने लगती हैं। ऐसा इसलिए दिमाग में आ रहा है क्योंकि हाल ही में किसी ने कहा है कि अब लड़कियां दुपट्टे वाले सूट तो पहनती हैं नहीं इसलिए ही छेड़छाड़ और रेप जैसी घटनाएं होती हैं क्योंकि उनके कपड़े ही उनकी घटनाओं के जिम्मेदार होते हैं। लेकिन एक 6 माह की लड़की के साथ जब अश्लील हरकतें की जाती हैं तो उनको भी क्या दुपट्टा पहनाना चाहिए।

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आज भी भीड़ भाड़ में महिलाओं को गंदी मानसिकता से छूना, घूरा जाना, बस या ट्रेन में सफर करते हुए जानबूझकर महिला को परेशान करना, ये बड़ी आम बातें हो गर्इं हैं। अगर किसी भी लड़की का दुपट्टा सरकता है तो सीधी निगाह उसके सीने पर जाती है। लड़की अगर पुरुष मित्र के साथ किसी सुनसान जगह पर जाए और वहां कुछ लड़के पहुंच जाए तो फिर नैतिकता के नाम पर पिटाई की नौबत। सबक सिखाने के लिए लड़की की इज्जत भी तार-तार की जा सकती है। कभी-कभी जब सरकते दुपट्टे पर निगाह डाली जाती है तो मन करता है कह दें जनाब दुपट्टा ही तो हटा यहां ऐसे निगाह ना डालो नया नहीं है कुछ वही है जो अपनी मां, पत्नी और बहन के हैं।

भारत में रेप की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। भारत में 57 फीसदी अपराध में कपड़ों को भी जिम्मेदार माना जाता है। कपड़ों को लेकर कहा जाता है, जब छोटे कपड़ें होंगे तो लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं भी होंगी। एक मापदंड तय कर लिया गया है कि जो लड़कियां छोटे कपड़े पहनती हैं, उनके साथ ही रेप या छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती हैं। जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है।

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वहीं, ये भी अच्छा है अभी  कुछ अच्छी सोच के पुरुष जिंदा हैं वरना कब नारी जाति तार-तार हो चुकी होती है। चंद अच्छे लोग ही हैं इसलिए ही मां आज अपनी बेटी को इतना सब होने के बाद भी बाहर भेज देती है वरना अब बच्ची पैदा होने पर दहेज देने के डर से नहीं आबरू लुटने के डर में मौत के घाट उतारा जाता।

Web Title: molestation blog for women safety

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