ब्लॉग: चार दिन की है जिंदगी, रिश्तों की राह में न आने दें ईगो क्लैश के ब्रेकर

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 28, 2018 05:04 PM2018-02-28T17:04:03+5:302018-02-28T17:04:03+5:30

जिंदगी में अगले ही पल क्या हो जाए ये हम नहीं जानते हैं, ये हमेशा कहा जाता है पर मुझे बात सच भी लगती है।

Aishwarya Awasthi blog on special for life's happiness | ब्लॉग: चार दिन की है जिंदगी, रिश्तों की राह में न आने दें ईगो क्लैश के ब्रेकर

ब्लॉग: चार दिन की है जिंदगी, रिश्तों की राह में न आने दें ईगो क्लैश के ब्रेकर

जिंदगी में अगले ही पल क्या हो जाए ये हम नहीं जानते हैं, ये हमेशा कहा जाता है पर मुझे बात सच भी लगती है। जिस तरह से हाल ही में बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी का अचानक से निधन हुआ उससे तो अब सच में बस यही लगता है। चार दिन की ही ये जिंदगी है और जब ये जिंदगी लेने पर आती है तो आपकी सांसे भी आपसे छीन लेती है। हम कितना भी किसी से लड़ लें झगड़ लें लेकिन एक दिन इस दुनिया से हमें चले जाना है और जब आप जाओगे तब आपके बोल, आपके काम आपकी यादें ही होंगी जो सबकी जुबां पर तारीफ के रूप में रहेंगी लेकिन हम ठहरे मानुष जाति के जिन्होंने अपने आगे बोर्ड लगा रखा है हम नहीं सुधरने वाले।

खैर हम तो जब तक दूसरों की तरक्की से चिढ़ नहीं जाते पड़ोसन/दोस्त की बुराई नहीं कर लेते तब तक कहां सुकून मिलने वाला है। बात मोह माया त्यागने की नहीं हो रही न ही ओशो के बताए पथ पर चलने की है। सवाल ये है कि क्या हम एक दूसरे के प्रति ऐसी धारणा रखकर हम खुश हैं। हकीकत में मेरे हुजूर हम अगर मन के कोने को टटोले तो बड़ा सीधा सा जवाब मिलेगा। हम बेचैन तभी होते हैं जब कुछ गलत करते हैं अच्छा करके दिखाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। श्रीदेवी जी का जिस तरह से निधन हुआ उससे बस यही लग रहा जिंदगी में जब हम जाते हैं तो बस आपकी बातें ही रह जाती हैं।

जिंदगी का आधार होते हैं रिश्ते। अगर हमारे सारे रिश्ते खुशनुमा हों तो जिंदगी में खुशियों की बौछार अपने आप शुरू हो जाती है।  हम जहां भी हों, घर, ऑफिस, सड़क, बस या रेलगाड़ी में, रिश्तों के बिना रह नहीं सकते। हमारा शरीर ही इस तरह बना है कि हमें दूसरों के साथ रिश्ते बनाने की जरूरत होती है। हमारे तन को संबंधों की जरूरत है, हमारे मन और भावों को दूसरों की जरूरत है। यहां तक कि हमें खुश और स्वस्थ रहने के लिए अपने साथ भी बेहतर रिश्ता बनाना होता है। और जहां रिश्ते हैं, वहां थोड़ा-बहुत तनाव होता ही है। जीवन की खुशियों को बनाए रखने के लिए हमें उलझे हुए रिश्तों के धागों को सुलझाते रहना पड़ता है। लेकिन कई बार ये कर पाना मुश्किल हो जाता है। गलती कभी अपनी होती है, तो कभी दूसरों की, पर अहम में अगर कोई मरता है तो वो है एक खूबसूरत रिश्ता।

जब हम किसी करीबी को खोते हैं तब शायद एक हकीकत समझ आ जाती है कि ये जिंदगी चंद लम्हों की है। ये किसी भी पल हम अलविदा कह सकती है। ऐसे में जो पल हमें मिले हैं क्यों न उनको खुलके जिया जाए। अगर किसी का अच्छा नहीं कर सकते हैं तो बुरा भी न करें। अगर आपके कारण किसी का दिल दुखा है तो एक बार आगे बढ़कर उससे माफी मांग लेना चाहिए। किसी शायर ने कहा है-  जब जीना ही है जिंदगी को तो क्यों पल-पल आंसू बहाएं, एक बार हंस कर गले तो लगाओ गम को कि ये गम आने में ही हमसे शर्माए।

Web Title: Aishwarya Awasthi blog on special for life's happiness

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