जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: मोदी सरकार की वापसी में आर्थिक मुद्दों का प्रभाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 26, 2019 07:55 AM2019-05-26T07:55:20+5:302019-05-26T07:55:20+5:30

निश्चित रूप से देश की आजादी के बाद से 16वीं लोकसभा के चुनावों तक कहीं न कहीं आर्थिक मुद्दे आगे बढ़ते रहे थे. लेकिन वर्तमान 17वीं लोकसभा के चुनावों में आर्थिक मुद्दे और सबका विकास जैसे नारे पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में अधिक प्रभावी रहे हैं.

LSPOLLSRESULT 2019: after back modi govt Prosperity of economic issues | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: मोदी सरकार की वापसी में आर्थिक मुद्दों का प्रभाव

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: मोदी सरकार की वापसी में आर्थिक मुद्दों का प्रभाव

यकीनन लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की जीत में आर्थिक मुद्दों की अत्यधिक अहमियत रही है. 17वीं लोकसभा  के चुनाव नतीजों को तय करने में आर्थिक कारक भी विशेष प्रभावी रहे हैं. यदि हम प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के पूरे लोकसभा चुनाव के अभियान की तस्वीर को देखें तो पाते हैं कि इस तस्वीर में रोजगार वृद्धि, अर्थव्यवस्था की तेज गतिशीलता, कृषि, ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचा विकास, कारोबार संबंधी हितों तथा महंगाई पर नियंत्नण जैसे बार-बार प्रस्तुत किए गए मुद्दे चमकते दिख रहे हैं.

निश्चित रूप से देश की आजादी के बाद से 16वीं लोकसभा के चुनावों तक कहीं न कहीं आर्थिक मुद्दे आगे बढ़ते रहे थे. लेकिन वर्तमान 17वीं लोकसभा के चुनावों में आर्थिक मुद्दे और सबका विकास जैसे नारे पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में अधिक प्रभावी रहे हैं. प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई नोटबंदी तथा जीएसटी की प्रारंभिक तकलीफों के बाद इनके दिखाई दे रहे लाभ और पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देशों में महंगाई बढ़ने के बावजूद भारत में महंगाई नियंत्रित रहने का भी करोड़ों मतदाताओं पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है. वस्तुत: मोदी सरकार महंगाई को लेकर सतर्क भी रही और भाग्यशाली भी. भाग्यशाली इसलिए रही कि मोदी सरकार के कार्यकाल के पहले चार सालों में कच्चे तेल की कीमतें घटीं और अंतिम पांचवें साल में तेल की कीमतें कुछ ही बढ़ीं. परिणामस्वरूप छलांगें लगाकर बढ़ते हुए तेल आयात के बिल में कमी आई और उसकी एक बड़ी धनराशि बुनियादी क्षेत्न के विकास में लगाई जा सकी.    

इसमें कोई दो मत नहीं है कि देश में रोजगार पूरे चुनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहा. जहां एक ओर मोदी का विरोध करने वालों ने कहा कि देश में नौकरियां तेजी से घटी हैं, वहीं दूसरी ओर मोदी के वक्तव्यों में यह बात उभरकर सामने आई कि देश में स्वरोजगार बढ़ा है. 17 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना के तहत आसान ऋण देकर स्वरोजगार और उद्यमिता की तरफ आगे बढ़ाया गया है. इसके साथ ही किसानों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गई योजनाओं और गरीब किसानों के लिए 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष उनके खातों में जमा करने की किसान आय समर्थन योजना तथा विभिन्न कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि के कदमों को ग्रामीण मतदाताओं का समर्थन मिला.

इस प्रकार नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक वापसी में आर्थिक कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हम आशा करें कि नरेंद्र मोदी की नई सरकार आर्थिक सुधारों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी. नई सरकार एक कदम वित्तीय अनुशासन को कायम रखने तथा कृषि और रोजगार को अहमियत देने के लिए आगे बढ़ाएगी वहीं दूसरा कदम देश के आम आदमी के जीवन को आर्थिक और सामाजिक खुशियों से संवारने के लिए आगे बढ़ाएगी.

Web Title: LSPOLLSRESULT 2019: after back modi govt Prosperity of economic issues