लोकमत संपादकीयः गृहस्थी की गाड़ी चलाने तक सीमित न रहें ये हाथ

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 10, 2019 06:53 AM2019-02-10T06:53:30+5:302019-02-10T06:53:30+5:30

शहरों में ऑटोरिक्शा, कैब और स्कूल वैन चलाती दिखने वाली महिलाएं अब दो कदम आगे बढ़कर हाई-वे पर भारी-भरकम बस दौड़ाती नजर आएंगी.

Lokmat Editorial: Do not be restricted to running a household only | लोकमत संपादकीयः गृहस्थी की गाड़ी चलाने तक सीमित न रहें ये हाथ

सांकेतिक तस्वीर

किसी समय पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के लिए संघर्ष करने वाली महिलाएं आज उनसे चार कदम आगे निकल चुकी हैं. कभी चांद सी खूबसूरती की उपमा पाने वाली ये महिलाएं अब उसी चांद को दसों बार छूकर धरती पर आ चुकी हैं. बस मौका दीजिए जनाब! आज की नारी सब कुछ कर गुजरने का माद्दा रखती है. गृहस्थी की गाड़ी खींचने में महारत रखने वाली गृहिणियां अब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) की बसों की स्टेयरिंग थामेंगी.

शहरों में ऑटोरिक्शा, कैब और स्कूल वैन चलाती दिखने वाली महिलाएं अब दो कदम आगे बढ़कर हाई-वे पर भारी-भरकम बस दौड़ाती नजर आएंगी. राज्य सरकार ने एक-दो नहीं कुल 2406 महिला बस चालकों की भर्ती को मंजूरी दी है. कुल 8022 ड्राइवरों के पदों के लिए होने वाली भर्ती के अंतर्गत इन महिला ड्राइवरों को मौका दिया जाएगा. यह फैसला समाज और देश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिहाज से जितना महत्वपूर्ण है.

उससे अधिक यातायात सुरक्षा को भी बल देने वाला है क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक संवेदनशील होती हैं और नियमों का उल्लंघन कम करती हैं. इतना ही नहीं किसी भी तरह का वाहन (दोपहिया या चारपहिया) चलाते समय उनकी एकाग्रता और संयम पुरुष चालकों से कई गुना अधिक होती है. महिलाएं वाहन को सिर्फ अपने कंट्रोल में ही नहीं रखती हैं, बल्कि गाड़ी अनाप-शनाप गति से नहीं दौड़ातीं, जिससे वह अपने साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती हैं.

अधिक सहनशील होने की वजह से गाड़ी चलाते वक्त महिलाएं तत्काल आवेश में आकर कोई फैसला नहीं लेतीं अर्थात ओवर स्पीडिंग, बेवजह ओवर टेकिंग जैसी यातायात की चूकों की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं टाली जा सकेंगी. कुल मिलाकर सरकार का फैसला सिर्फ सराहनीय ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय भी है, क्योंकि महिलाओं को मां, बहन, बेटी, पत्नी यहां तक कि देवी का भी दर्जा तो दिया जाता है लेकिन उन्हें घर की देहरी लांघने तक की इजाजत नहीं होती है.

Web Title: Lokmat Editorial: Do not be restricted to running a household only

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