ब्लॉग: कोरोना की तरह 'दल-बदलू' वायरस की वैक्सीन भी ज़रूरी!

By विवेकानंद शांडिल | Published: June 15, 2021 03:25 PM2021-06-15T15:25:31+5:302021-06-15T15:34:13+5:30

दल-बदलू की महामारी से देश का कोई राज्य अछूता नहीं है। अवसरवादी राजनीति के इस ट्रेंड का असर लोकतंत्र की सेहत पर भी पड़ता है और कई बार जनता के मतों का मज़ाक बन जाता है।

Like coronavirus vaccine India need better anti defection law | ब्लॉग: कोरोना की तरह 'दल-बदलू' वायरस की वैक्सीन भी ज़रूरी!

दल- बदल कानून को और असरदार बनाने की जरूरत! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है। वहीं देशभर में दल-बदलू वायरस का प्रकोप भी एक नए रूप में बढ़ता जा रहा है। हालांकि ये वायरस कोरोना की तरह नया नहीं पुराना है पर कई दशकों से 'वैक्सीनेशन' के अभाव में ये भी अपना म्यूटेंट बदलते रहता है।

फिलहाल राजस्थान, पंजाब, यूपी, बंगाल और बिहार जैसे राज्य दल-बदलू वायरस की चपेट में हैं। दल-बदलू वायरस के इस नये म्यूटेंट का सोर्स पंजाब बना है। 

पंजाब में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तनातनी बढ़ी। फिर कैप्टन पर स्थानीय और कांग्रेस आलाकमान का दबाव बढ़ा तो आलाकमान से मुलाकात करने से पहले कैप्टन अमरिंदर आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते है और फिर आलाकमान से मिलने पहुंचते हैं

ठीक कुछ दिन बाद ही उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के कद्दावर और गांधी परिवार के करीबी रहे जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो जाते हैं। जितिन प्रसाद को कांग्रेस की ओर से एक ब्राह्मण चेहरे के रूप में देखा जाता रहा है। साथ ही वो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी के भी करीबी माने जाते रहे हैं।

अभी बीजेपी जितिन प्रसाद को अपने पाले में कर जश्न मना ही रही थी कि बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मुकुल रॉय ने बेटे सहित तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी कर बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया।

उधर राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच घमासान का पार्ट- 2 जारी है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि कांग्रेस इस बार पायलट की नाराज़गी दूर करने में सफल होती है या पायलट इस बार कोई बड़ा निर्णय लेते हैं।

ये सब कुछ चल ही रहा था कि बिहार से लोकजन शक्ति पार्टी(लोजपा) में हुई बड़ी फूट की खबर ने सबको हैरान कर दिया। पिछले साल के बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देने वाले लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने 4 सांसदों का समर्थन लेकर चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के पद से मानने से अस्वीकार कर दिया और दावा किया है कि बाकि 4 सांसदों ने उन्हें संसदीय दल का नेता चुना है। 

पशुपति कुमार पारस ने इस बाबत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक खत भी लिखा है

बिहार में लोकजन शक्ति पार्टी के 6 सांसद है। चिराग पासवान, पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज। पशुपति कुमार पारस को लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को छोड़ बाकि सांसदों का समर्थन प्राप्त है।

उत्तर प्रदेश से आ रहे ताजा अपडेट के मुताबिक बहुजन समाजवादी पार्टी को भी तगड़ा झटका लगने वाला है। बताया जा रहा है कि बसपा के 8 से 9 विधायक समाजवादी पार्टी के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संपर्क में हैं।

'दल- बदलू' वायरस का वैक्सीन जरूरी

दल-बदलू की महामारी इन्हीं राज्यों तक सीमित नहीं है, देश का कोई राज्य इससे अछूता नहीं। अवसरवादी राजनीति के इस ट्रेंड का असर लोकतंत्र की सेहत पर पड़ता है, जनता के मतों का मज़ाक उड़ता है।

पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान दल - बदलू वायरस का प्रकोप मध्यप्रदेश, बिहार और बंगाल में दिखा था। कांग्रेस को छोड़ ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे। 

बिहार में एनडीए सरकार में मंत्री रहे श्याम रजक जेडीयू का साथ छोड़ राजद में शामिल होकर घर वापसी की थी और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे बाद में दिनेश त्रिवेदी बीजेपी में शामिल हुए थे।

हालांकि देश में पहले से ही दल- बदल कानून है पर बेअसर है। ज़रूरत है देश में कोरोना की तरह दल - बदलू वायरस की प्रभावी वैक्सीन की निज़ात हो। मानवता की रक्षा के साथ साथ लोकतंत्र की सेहत की भी सुरक्षा हो। जनता के अधिकारों की भी सुरक्षा हो।

Web Title: Like coronavirus vaccine India need better anti defection law

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