लोकमित्र का ब्लॉग: इस मौसम में हाहाकारी बारिश आखिर क्यों?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 23, 2021 10:23 AM2021-10-23T10:23:52+5:302021-10-23T10:44:12+5:30

दो निम्न दबाव क्षेत्र, एक अरब सागर में और दूसरा बंगाल की खाड़ी में भी बने, जिस कारण केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में भारी बारिश हुई। जबकि बाकी सालों में इस दौरान महज गरज के साथ कुछ छींटे और कहीं-कहीं छिटपुट बारिश ही होती है।

know reason behind heavy rainfall in varrious location in India | लोकमित्र का ब्लॉग: इस मौसम में हाहाकारी बारिश आखिर क्यों?

भारत में भारी बारिश का कारण

देश में आमतौर पर सितंबर महीने के मध्य तक मानसून का सीजन खत्म हो जाता है। इस साल अक्तूबर खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है लेकिन देश के कई इलाकों में अब भी न केवल मूसलाधार बारिश हो रही है बल्कि हाहाकारी तबाही भी हो रही है। बीते एक हफ्ते में दिल्ली के साथ-साथ केरल, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में भारी बारिश हुई। उत्तराखंड में तो इस बारिश से अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से ज्यादा लोग अभी तक गायब हैं। 

मध्यप्रदेश को लेकर हालांकि ज्यादा सुर्खियां नहीं बनीं क्योंकि यहां जान की तबाही नहीं हुई, लेकिन हकीकत यह है कि यहां भी बेमौसम की बारिश ने मौसम के जानकारों को हैरान कर दिया है क्योंकि 16-17 अक्तूबर 2021 को हुई बारिश ने प्रदेश के किसी एक दो जिलों में नहीं बल्कि 46 जिलों में रिकॉर्ड बनाया है।

सवाल है देश के कई हिस्सों में आखिर यह तबाही की बारिश क्यों आई? उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक आई इस तबाही के लिए वैज्ञानिक कई कारणों को जिम्मेवार मानते हैं। उनके मुताबिक देर से मानसून के लौटने और कई जगहों पर कम दबाव का क्षेत्न बनने के कारण यह बारिश हो रही है। लेकिन ये तो बारिश की वजह है।  

सवाल है कि इसकी क्या वजह है? क्या यह तात्कालिक और कुदरती है? अगर आमतौर पर सितंबर तक मानसून लौट जाता है, तो आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि मानसून नहीं लौटा? मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि इस दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून लौटता है और पश्चिमी विक्षोभ के चलते देश के सुदूर उत्तरी हिस्से में बारिश या फिर बर्फबारी होती है जैसे कि इस साल भी अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में लद्दाख और कश्मीर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई।

लेकिन इसके साथ ही यह भी हुआ कि इसी दौरान दो निम्न दबाव क्षेत्र, एक अरब सागर में और दूसरा बंगाल की खाड़ी में भी बने, जिस कारण केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में भारी बारिश हुई। जबकि बाकी सालों में इस दौरान महज गरज के साथ कुछ छींटे और कहीं-कहीं छिटपुट बारिश ही होती है। 

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा की मानें तो दक्षिणी पश्चिमी मानसून के लौटने में हुई देरी के कारण ही ओडिशा, उत्तर पूर्व और दक्षिण भारत में बारिश हो रही है जो आगामी 25 अक्तूबर तक जारी रह सकती है। 

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