ब्लॉग: केजरीवाल की गिरफ्तारी असाधारण घटना
By अवधेश कुमार | Published: March 23, 2024 11:38 AM2024-03-23T11:38:54+5:302024-03-23T11:40:33+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी एक ऐसी बड़ी घटना है, जिसकी तुलना किसी भी पूर्व गिरफ्तारी से नहीं हो सकती. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके पूर्व 2 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी एक ऐसी बड़ी घटना है, जिसकी तुलना किसी भी पूर्व गिरफ्तारी से नहीं हो सकती. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके पूर्व 2 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे और त्यागपत्र देने के बाद उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई। वस्तुत: केजरीवाल का मामला इस रूप में गुणात्मक रूप से भिन्न है क्योंकि वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियानों, आंदोलन की अगुवाई करते हुए यहां तक पहुंचे।
उनके बैनर का नाम ही था इंडिया अगेंस्ट करप्शन। आम लोगों में छवि यह बनी थी कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक हीरो अन्ना हजारे के अभिभावकत्व में उभरा है और उसके पास एक टीम है जिसमें लड़ने और व्यवस्था बदलने का माद्दा है। पूरी दिल्ली में उन्होंने धरना, प्रदर्शन, सभाएं कीं और जनता के बड़े समूह को अपने साथ जोड़ा, क्योंकि लोगों को कठिनाइयां थीं, और वे जो बात बोलते थे वो व्यावहारिक रूप से सबके जीवन में लागू हो रही थी।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठकर खड़ा होने वाला नेता अगर ऐसे शर्मनाक भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होता है तो इससे बड़ी त्रासदी भारतीय एक्टिविज्म और राजनीति के लिए कुछ और नहीं हो सकती।किसी का गिरफ्तार होना या उस पर आरोप लगा होना उसके दोषी होने का प्रमाण नहीं होता। न्यायालय ही उसके दोषी या निर्दोष होने का प्रमाण देता है। इसलिए देश भर के ऐसे लोग जो भ्रष्टाचार के अंत की कामना से किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे हों, उन सबकी चाहत यही होगी कि केजरीवाल और उनके साथी भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी हों।
ऐसा नहीं हुआ तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध किसी आंदोलन पर भारत के आम लोग आने वाले लंबे समय तक विश्वास नहीं कर पाएंगे। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का राजनीतिक पहलू है। पहले उनके दाहिना हाथ माने जाने वाले साथी और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार हुई और बाद में आम राजनीति में पार्टी का चेहरा बने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की।
उसके पूर्व दूसरे मामलों में पार्टी के वित्तीय प्रबंधक के रूप में जाने जाने वाले सत्येंद्र जैन गिरफ्तार हुए और केजरीवाल की गिरफ्तारी के दो दिन पूर्व ही उच्च न्यायालय ने उन्हें दोबारा जेल भेज दिया। ऐसे में दिल्ली सरकार के संचालन और आम आदमी पार्टी के भविष्य पर बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी का मुख्य प्रचारक ही अगर अंदर हो तो समर्थकों, उम्मीदवारों की मानसिक स्थिति क्या होगी इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। इस तरह आम आदमी पार्टी के लिए अब तक का यह सबसे बड़ा संकट है।