जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: अमेरिका से आर्थिक रिश्तों का सुकूनभरा नया दौर

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: September 29, 2021 01:48 PM2021-09-29T13:48:55+5:302021-09-29T13:50:28+5:30

भारत न केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ने की संभावना रखता है वरन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया का नया कारखाना भी बन सकता है.

Jayantilal Bhandari blog: A new phase of economic relations between India and America | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: अमेरिका से आर्थिक रिश्तों का सुकूनभरा नया दौर

अमेरिका से भारत के आर्थिक रिश्तों का सुकूनभरा नया दौर (फाइल फोटो)

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की व्हाइट हाउस में बहुप्रतीक्षित पहली द्विपक्षीय वार्ता में जहां मोदी ने कहा कि इस दशक में भारत-अमेरिका के संबंधों में कारोबार की अहम भूमिका होगी. वहीं, बाइडेन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पारिवारिक हैं. भारतीय मूल के 40 लाख लोग अमेरिका में हैं, जो अमेरिका को रोज अधिक मजबूत बना रहे हैं. अब हमने दोनों देशों के संबंधों का नया अध्याय शुरू कर दिया है.

नि:संदेह 24 सितंबर को राष्ट्रपति जो बाइडेन और एक दिन पहले 23 सितंबर को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अमेरिका की प्रभावी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और कारोबारी संबंधों को ऊंचाई दिए जाने का नया उत्साहर्धक परिदृश्य सामने आया है.

उल्लेखनीय है कि जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की मेजबानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आॅस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों स्काट मारिसन व योशिहिदे सुगा के साथ क्वाड देशों की प्रभावी बैठक में हिस्सा लिया, उससे चारों देशों का यह समूह न केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र चीन की महत्वाकांक्षाओं पर नकेल कस सकेगा, वरन आपसी कारोबार को भी ऊंचाई दे सकेगा. 

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि जिस तरह राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत और अमेरिका को एक परिवार के रूप में रेखांकित किया, उससे पूरी दुनिया के विभिन्न देश भारत के साथ आर्थिक-कारोबारी रिश्तों के लिए नए कदम आगे बढ़ाते हुए भी दिखाई दे सकेंगे.

नि:संदेह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहा जाना महत्वपूर्ण है कि नए आर्थिक विश्व में अमेरिका और भारत दोनों एक-दूसरे की जरूरत बन गए हैं. भारत एक मजबूत आर्थिक ताकत और बड़े वैश्विक बाजार के रूप में उभर रहा है और अमेरिका एक ऐसा बाजार खोज रहा है, जो उसके लोगों को रोजगार दिला सके. 

अमेरिका भारत के लिए निवेश और तकनीक का महत्वपूर्ण स्रोत होने के साथ ही एक महत्वपूर्ण कारोबारी साझेदार भी है. भारत वैश्विक निवेश के आकर्षक केंद्र के तौर पर उभरा है. यह रेखांकित हो रहा है कि अब अमेरिका के लिए अन्य देशों की तुलना में भारत के साथ आर्थिक एवं कारोबारी लाभ ज्यादा हैं.

भारत न केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ने की संभावना रखता है वरन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया का नया कारखाना भी बन सकता है. जिस तरह क्वॉड देशों ने सामूहिक रूप से आगे बढ़ने के लिए एकजुट बताई है, उसके मद्देनजर भारत के नए वैश्विक कारखाने के रूप में उभरने का परिदृश्य भी निर्मित हुआ है. 

इसमें कोई दोमत नहीं है कि इस समय भारतीय बाजार में नवाचार, कारोबार सुधार, उत्पादन और सर्विस क्षेत्र में सुधार की जो उभरती हुई प्रवृत्ति रेखांकित हो रही है, वह अमेरिका के उद्योग-कारोबार के लिए अत्यधिक लाभप्रद है. भारत के पास बुनियादी ढांचे और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए घरेलू वित्तीय संसाधनों की भारी कमी है. 

ऐसे में नए वित्तीय स्रोतों के मद्देनजर भारत में अमेरिका से एफडीआई स्वागतयोग्य है. खासतौर से डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए आने वाले वक्त में भारत को अरबों डॉलर के निवेश की दरकार है. इसके लिए अमेरिकी कंपनियों के मौके लगातार बढ़ रहे हैं.नि:संदेह जो बाइडेन के द्वारा यह कहा जाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि भारतीय मूल के 40 लाख लोग अमेरिका में हैं और वे अमेरिका को रोज मजबूत बना रहे है. 

वस्तुत: भारतीय मूल के लोग अमेरिका की महान पूंजी हैं. प्रवासी भारतीय अमेरिका के समक्ष भारत का चमकता हुआ चेहरा है. साथ ही ये अमेरिका के मंच पर भारत के हितों के हिमायती हैं. यह भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में रह रहे भारतीय कारोबारियों, वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और उद्योगपतियों की प्रभावी भूमिका अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सराही जा रही है. 

अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की श्रेष्ठता को स्वीकार्यता मिली है. हम उम्मीद करें कि 24 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अतिउपयोगी द्विपक्षीय वार्ता के बाद अब भारत के साथ अमेरिका के कारोबार बढ़ने और अमेरिका में भारत के आईटी उद्योग की नई संभावनाएं बढ़ेंगी. 

हम उम्मीद करें कि इससे भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार की दिशा में जो कदम आगे बढ़ेंगे, उनसे रोजगारके मौके बढ़ेंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी लाभान्वित होंगी.

Web Title: Jayantilal Bhandari blog: A new phase of economic relations between India and America

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे