कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने की मांग अनुचित नहीं, वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: July 7, 2021 15:23 IST2021-07-07T15:22:47+5:302021-07-07T15:23:57+5:30

गुपकार गठबंधन यही कह रहा है कि पूर्ण राज्य का यह दर्जा चुनाव के पहले घोषित किया जाना चाहिए. उसके संयुक्त बयान में कहीं भी एक शब्द भी धारा 370 और धारा 35 ए के बारे में नहीं कहा गया है. इसका मतलब क्या हुआ?

jammu kashmir pm narendra modi Demand full state is not unreasonable Ved pratap Vaidik's blog | कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने की मांग अनुचित नहीं, वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग

कश्मीरी नेता यह मांग कर रहे हैं कि कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा चुनाव के पहले ही दे दिया जाए तो इसमें गलत क्या है?

Highlightsसरकार ने उस बैठक में साफ-साफ कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा फिर से बरकरार करेगी. कांग्रेस की मौन सहमति तो इस बदलाव के साथ 24 जून को ही प्रकट हो गई थी.पाकिस्तान के ‘कश्मीरप्रेमियों’ को भी पता चल गया है कि अब कश्मीर को पुरानी चाल पर चलाना असंभव है.

कश्मीर के गुपकार-गठबंधन ने अपना जो संयुक्त बयान जारी किया है, उसमें मुझे कोई बुराई नहीं दिखती. प्रधानमंत्री के साथ 24 जून को हुई बैठक के बाद यह उसका पहला बयान है.

 

इस बयान में  कहा गया है कि 24 जून की बैठक ‘निराशाजनक’ रही. लेकिन उनका अब यह कहना जरा विचित्न-सा लग रहा है, क्योंकि उस बैठक से निकलने के बाद सभी नेता उसकी तारीफ कर रहे थे. उस बैठक की सबसे बड़ी खूबी यह रही कि उसमें जरा भी गर्मागर्मी नहीं हुई. दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात बहुत ही संतुलित ढंग से रखी.

उस समय ऐसा लग रहा था कि कश्मीर का मामला सही पटरी पर चल रहा है. बात तो अभी भी वही है लेकिन गुपकार का यह नया तेवर बड़ा मजेदार है. उसका यह तेवर सिद्ध कर रहा है कि 24 जून की बैठक पूरी तरह सफल रही. वह अब जो मांग कर रहा है, उसे तो सरकार पहले ही खुद स्वीकृति दे चुकी है.

सरकार ने उस बैठक में साफ-साफ कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा फिर से बरकरार करेगी. अब गुपकार गठबंधन यही कह रहा है कि पूर्ण राज्य का यह दर्जा चुनाव के पहले घोषित किया जाना चाहिए. उसके संयुक्त बयान में कहीं भी एक शब्द भी धारा 370 और धारा 35 ए के बारे में नहीं कहा गया है. इसका मतलब क्या हुआ?

क्या यह नहीं कि जम्मू-कश्मीर की लगभग सभी प्रमुख पार्टियों ने मान लिया है कि अब जो कश्मीर वे देखेंगी, वह नया कश्मीर होगा. उन्हें पता चल गया है कि अब कश्मीर का हुलिया बदलनेवाला है. कांग्रेस की मौन सहमति तो इस बदलाव के साथ 24 जून को ही प्रकट हो गई थी.

भारत के कश्मीरियों को ही नहीं, पाकिस्तान के ‘कश्मीरप्रेमियों’ को भी पता चल गया है कि अब कश्मीर को पुरानी चाल पर चलाना असंभव है. कई इस्लामी देशों ने भी इसे भारत का आंतरिक मामला बता दिया है. ऐसी स्थिति में यदि कश्मीरी नेता यह मांग कर रहे हैं कि कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा चुनाव के पहले ही दे दिया जाए तो इसमें गलत क्या है?

मैं तो शुरू से ही कह रहा हूं कि कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के बराबर राज्य बनाया जाए. न तो वह उनसे ज्यादा हो और न ही कम. हां कश्मीरियत कायम रहे, इसलिए यह जरूरी है कि अन्य सीमा प्रांतों की तरह वहां कुछ विशेष प्रावधान जरूर किए जाएं.

गुपकार-गठबंधन की यह मांग भी विचारणीय है कि जेल में बंद कई अन्य नेताओं को भी रिहा किया जाए. जो नेता अभी तक रिहा नहीं किए गए हैं, उन पर शक है कि वे रिहा होने पर हिंसा और अतिवाद फैलाने की कोशिश करेंगे. यह शक साधार हो सकता है लेकिन उनसे निपटने की पूरी क्षमता सरकार में है ही. इसीलिए कश्मीर को पूर्ण राज्य घोषित करना अनुचित नहीं है.

Web Title: jammu kashmir pm narendra modi Demand full state is not unreasonable Ved pratap Vaidik's blog

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे