ब्लॉग: दुनिया ने समझ लिया है स्वास्थ्य के लिए योग का महत्व
By आरके सिन्हा | Published: June 21, 2023 12:30 PM2023-06-21T12:30:12+5:302023-06-21T12:30:53+5:30
देश विदेश के विश्वविद्यालयों एवं चिकित्सा संस्थानों में योग विभाग स्थापित किए जा रहे हैं. आयुष मंत्रालय ‘सबके लिए योग’ परियोजना पर भी काम कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नौवें संस्करण को वैश्विक स्तर पर मनाया जा रहा है. साफ है कि भारत की प्राचीन और समृद्ध परंपराओं से पोषित योग ने अब वैश्विक स्तर पर समग्र स्वास्थ्य की एक ऐसी पद्धति के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली है, जो न सिर्फ तन और मन का संतुलन साधती है बल्कि इस पद्धति में आधुनिक जीवनशैली से उपजे तनाव से पार पाने, असाध्य रोगों से बचाव और दुनिया को स्वस्थ और बेहतर जीवन के माध्यम से एकजुट करने की शक्ति भी निहित है.
इसी विशेषता को परिभाषित करता है इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का ध्येय वाक्य या थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’. योग की यही शक्ति है जिसने कोरोना महामारी के दौरान और फिर बाद में भी समग्र स्वास्थ्य की तलाश में त्रस्त दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. कोरोना काल से ही दुनिया ने योग करने के लाभ जान लिए. सबको समझ आ गया कि योग करके वे अपने को सदा सेहतमंद रख सकते हैं.
दरअसल वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों वाली महासभा के 173 सहप्रायोजक देशों की सर्वसम्मति से 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में शुरू हुई यात्रा अब एक ऐसे मुकाम पर है, जहां योग का लोक कल्याणकारी रूप सबने देख लिया है. योग समग्र स्वास्थ्य और वेलनेस की सदियों से परखी गई और आधुनिक शोध अध्ययनों पर खरी उतरी स्वास्थ्य पद्धति के रूप में जाना जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नौवें संस्करण में सारी दुनिया की भागीदारी रहने वाली है. इसके लिए आयुष मंत्रालय के साथ ही अन्य सभी मंत्रालय एक साथ काम कर रहे हैं.
योग का महत्व असामान्य परिस्थितियों में शरीर और मन के बीच संतुलन साध कर रखने में भी है. योग के इसी महत्व को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए इस बार ध्रुवीय क्षेत्रों में स्थापित स्टेशनों में भी 21 जून को कॉमन योग प्रोटोकॉल का अभ्यास किया जाएगा. इस प्रयास को ‘आर्कटिक से अंटार्कटिक तक योग’ का नाम दिया गया है. इसी तरह योग का अभ्यास भारत भारतीय नौसेना बेस, तट रक्षक स्टेशनों के साथ-साथ मित्र देशों के बंदरगाहों और समुद्री जहाजों पर भी किया जाएगा.
देश विदेश के विश्वविद्यालयों एवं चिकित्सा संस्थानों में योग विभाग स्थापित किए जा रहे हैं. आयुष मंत्रालय ‘सबके लिए योग’ परियोजना पर भी काम कर रहा है. पांच साल की इस परियोजना का उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों तक योग की पहुंच बनाना है. इसके लिए आयुष मंत्रालय अन्य सभी मंत्रालयों का सहयोग भी ले रहा है. योगासन को एक खेल के रूप में भी स्वीकार किए जाने से इस परियोजना को बल मिला है.