महिला दिवस: आशा त्रिपाठी का ब्लॉग: समाज का नजरिया बदलना होगा 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 8, 2019 12:53 PM2019-03-08T12:53:08+5:302019-03-08T12:53:08+5:30

कोई भी समाज महिला कामगारों द्वारा राष्ट्रीय आय में किए गए योगदान को दरकिनार नहीं कर सकता। बावजूद इसके, उनको पर्याप्त महत्व नहीं मिलता।

International Women's day blog:society should change the mentality of towards women | महिला दिवस: आशा त्रिपाठी का ब्लॉग: समाज का नजरिया बदलना होगा 

प्रतीकात्मक तस्वीर

एक बार फिर देश-दुनिया में महिलाओं के सम्मान और अधिकार के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़े-बड़े कसीदे पढ़े जा रहे हैं। आधी आबादी की पूरी आजादी के जोर-शोर के साथ ढेरों दावे किए जा रहे हैं। शिक्षा से लेकर सियासत तक में उनका स्थान सुनिश्चित करने के वादे किए जा रहे हैं। मगर महिला सशक्तिकरण के दावों से टकराती मौजूदा वक्त की सच्चाई कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। वो कह रही है कि सात दशक से ज्यादा बीत गए हमें आजादी मिले हुए, फिर भी बहुसंख्यक महिलाओं के योगदान, उनकी आर्थिक उपादेयता का न तो सही तरीके से आकलन होता है और न ही उन्हें वाजिब हक मिलता है। 

कोई भी समाज महिला कामगारों द्वारा राष्ट्रीय आय में किए गए योगदान को दरकिनार नहीं कर सकता। बावजूद इसके, उनको पर्याप्त महत्व नहीं मिलता। हालांकि, भारत के श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी दुनिया के मुकाबले काफी कम है। फिर भी घरेलू काम में महिलाओं की भागीदारी 75 फीसदी से अधिक है। भारत में महिला सशक्तिकरण और आरक्षण को लेकर भले लंबे-चौड़े दावे किए जाते रहे हों, यहां महिला उद्यमियों की राह आसान नहीं है। समाज के विभिन्न क्षेत्नों की तरह उनको उद्योग जगत में भी भारी भेदभाव का सामना करना पड़ता है। भेदभाव के अलावा महिलाओं की काबिलियत पर सवाल उठाए जाते हैं। 

यह सही है कि भारत में अब उच्च तकनीकी शिक्षा और प्रबंधन की डिग्री के साथ हर साल पहले के मुकाबले ज्यादा महिलाएं कारोबार के क्षेत्न में कदम रख रही हैं। लेकिन यह भी सही है कि समानता के तमाम दावों के बावजूद उनको इस क्षेत्न में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिला उद्यमियों की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए 
पहले समाज का नजरिया बदलना जरूरी है।

Web Title: International Women's day blog:society should change the mentality of towards women

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