International Women's Day Special: नारी तुम केवल श्रद्धा हो!
By मोहित सिंह | Published: March 8, 2018 08:30 AM2018-03-08T08:30:20+5:302018-03-08T08:30:20+5:30
बुरा मत मानिए! इस महिला दिवस भी आपके लिए कुछ नहीं बदलेगा, आप ट्रेंड में होंगी और लोग आपको शुभकामनाएं दे रहे होंगे बस!
8 मार्च फिर से आ गया है, हर कहीं महिला सशक्तिकरण की बातें होना शुरू हो चुकी हैं. जल्द ही टीवी और सोशल मीडिया बड़े - बड़े कैंपेन और शुभकामनाओं से भर जायेगा। मॉल्स, शॉपिंग काम्प्लेक्स और इ-कॉमर्स वेबसाइट्स आपको देना शुरू कर देगा ढेरों ऑफर्स। लेकिन क्या यही है एक महिला को समवन स्पेशल फ़ील करने का बेस्ट वे? क्या यही है इंटरनेशनल विमेंस डे सेलिब्रेट करने का सबसे बढ़िया तरीका। माफ़ कीजियेगा, मेरे पास आपको ऑफर करने को इस एक छोटी सी कविता के आलावा कुछ भी नहीं है. मेरी ये कविता दिल से दी गयी एक श्रद्धांजलि है हर एक महिला को जो बिना किसी अपेक्षा के हर किसी के जीवन में खुशियां घोलती हैं और गुमनाम सी रहते हुए भी हर परिवार की जीवन धमनियां होती हैं -
नारी तुम केवल श्रद्धा हो!
माँ हो तुम, बहन हो, प्रेयसी हो, अर्धांगिनी हो,
तुमने ही जन्मा और जीना सिखाया, फिर पुरुष को तुम्हे सताने का विचार भी क्यों आया !
तुम्हारे समर्पण को मैंने कमजोरी माना, तुम्हारे त्याग को न कभी देखा ना पहचाना!
कभी बातों से, कभी आँखों से, कभी हरकतों से, कभी इरादों से....हर पल तुम्हारा बलात्कार हुआ!
मानवता रोयी, आँखे थर्राई, तन मन में तुम्हारे चित्कार हुआ!
जब भी तुमपर कोई ज़ुल्म हुए, और उसका ना कोई इन्साफ किया,
तुमने अपनी महानता दिखलायी, पूरे दिल से हमको माफ़ किया!
एक बेटा, एक भाई, एक पिता या एक जीवनसाथी समझकर, क्षमा देके तुमने हमें फिर भी अपनाया
आज न जाने क्यों, दिल से तुम्हे आभार प्रकट करने का मन में विचार आया!
नारी तुम केवल श्रद्धा हो, तुम ममत्वय हो....भोग विलास की वस्तु नहीं, तुम जीवन हो, हमारी रक्त संचार हो।
नारी तुम केवल श्रद्धा हो.
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