India-Pakistan ceasefire Updates: स्थायी शांति के लिए भारत को पाकिस्तान का नक्शा बदलना होगा
By राजकुमार सिंह | Updated: May 13, 2025 05:25 IST2025-05-13T05:25:26+5:302025-05-13T05:25:26+5:30
India-Pakistan ceasefire Updates: भारत जोरदार जवाब देगा, पर पाकिस्तान की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि भविष्य में वह भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों का केंद्र नहीं रहेगा.

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India-Pakistan ceasefire Updates: ऑपरेशन सिंदूर के बीच पाक सेना की हिमाकत पर भारतीय सेना ने उसे लंबे समय तक याद रहनेवाला सबक सिखाया है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कि पैदाइशी शैतान, इस अचानक संघर्ष विराम से संत बन जाएगा. पाकिस्तान के सैन्य ऑपरेशन महानिदेशक द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को फोन करने पर हुई बातचीत के बाद हुए संघर्ष विराम के संदर्भ में भारत सरकार कह रही है कि हमने नीतिगत रूप से स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा, जिसका भारत जोरदार जवाब देगा, पर पाकिस्तान की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि भविष्य में वह भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों का केंद्र नहीं रहेगा.
इस पूरे प्रकरण में पाक सरकार और सेना तथा खुद सेना के अंदर मतभेदों की खबरें भी आ रही हैं, पर यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है, जिसे उसे ही सुलझाना होगा. यह आतंकी गतिविधियों के लिए सेना को ही खलनायक ठहरा कर पाक हुक्मरानों की खुद को पाक-साफ बताने की चाल भी हो सकती है.
पाक के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उन्हीं नवाज शरीफ के भाई हैं और मौजूदा सेना प्रमुख मुनीर जेहादी मानसिकता के चलते, मुशर्रफ से भी ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं. ऐसे में चार दिनों में ही भारतीय सेना ने जिस पाक सेना को घुटनों पर ला दिया था, क्या उसे इस संघर्ष विराम से जीवनदान ही नहीं मिल जाएगा?
बेशक ऑपरेशन सिंदूर में पांच बड़े आतंकियों समेत लगभग 100 आतंकवादियों तथा जैश और लश्कर सरीखे खतरनाक संगठनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर देना हमारी सेना की बड़ी उपलब्धि है, पर भारत विरोधी मजहबी मानसिकता वाले पाकिस्तान में आतंकी ढांचा बनाने और आतंकियों की भर्ती में कितना समय लगता है?
बेशक भविष्य में आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानने की भारत की नीति अर्थपूर्ण है, पर बार-बार पिट कर भी न सुधरनेवाले पाकिस्तान सरीखे धूर्त के लिए इसके ज्यादा मायने होंगे नहीं. वह संघर्ष विराम से मिली मोहलत का इस्तेमाल भारत विरोधी चौतरफा तैयारियों के लिए कल फिर उठ खड़ा होगा.
भारत से चार युद्ध हार चुका पाकिस्तान प्रत्यक्ष युद्ध में नहीं जीत सकता—यह सच बहुत पहले उसके जनरल जिया उल हक ने स्वीकार कर लिया था. इसीलिए पाकिस्तान ने अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में लंबे अप्रत्यक्ष युद्ध की रणनीति अपनाई. मजहब के आधार पर बना पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी बनकर एक नाकाम देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में शांति और सौहार्द्र के लिए खतरा बन चुका है. पाकिस्तानी हुक्मरान जैसी भाषा बोल रहे हैं, वह सेना के बढ़ते दबदबे और कमजोर होते लोकतंत्र का भी प्रमाण है.
भारत को समझना चाहिए कि एक बार फिर पाकिस्तान का नक्शा बदले बिना वह शांति और सौहार्द्र से नहीं रह सकता. आतंकियों के जनाजे में पाक फौजी तथा सरकारी फूल वहां की हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं. हमने आतंकी सांप को उसकी पूंछ दबा कर ही छोड़ दिया है, जबकि जरूरत फन कुचलने की थी. कहते भी हैं कि घायल सांप ज्यादा खतरनाक होता है.