ब्लॉग: देश के पहाड़ी जिलों में कम हो रहे जंगल
By योगेश कुमार गोयल | Published: July 5, 2023 03:20 PM2023-07-05T15:20:54+5:302023-07-05T15:22:07+5:30
आईएसएफआर रिपोर्ट के मुतााबिक वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड शामिल हैं जहां पहाड़ी जिलों में वन आवरण इन जिलों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 40.17 प्रतिशत है।
भारत की वन स्थिति रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) के अनुसार देश का कुल वन आच्छादित क्षेत्र आठ लाख नौ हजार वर्ग किमी हो गया है, जो कि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का करीब 24 प्रतिशत है।
यह 2019 के आकलन की तुलना में 2261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्शाता है। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत कार्यरत संगठन ‘भारतीय वन सर्वेक्षण’ द्वारा भारत के वनों का 17वां द्विवार्षिक मूल्यांकन है।
आईएसएफआर देश के वन आवरण और वृक्ष आवरण की नवीनतम स्थिति, बढ़ते स्टॉक का अनुमान, जंगलों के बाहर वृक्षों की सीमा, मैंग्रोव कवर, बांस संसाधन और वन कार्बन स्टॉक का आकलन प्रस्तुत करता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार कुल वन और वृक्ष आवरण देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 प्रतिशत है, जिसमें कुल वन आवरण 713789 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.71 प्रतिशत है जबकि वृक्ष आवरण देश के भौगोलिक क्षेत्र का 2.91 प्रतिशत है।
आईएसएफआर 2019 की तुलना में वर्तमान मूल्यांकन में वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर वन आवरण में 1540 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। हालांकि दो वर्षों में यह वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है क्योंकि वन नीति, 1988 के अनुसार भूमि के कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत भाग वन-आच्छादित होना चाहिए। कई राज्य ऐसे हैं, जहां वन आवरण लगातार कम हो रहा है।
आईएसएफआर रिपोर्ट के मुतााबिक वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड शामिल हैं जहां पहाड़ी जिलों में वन आवरण इन जिलों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 40.17 प्रतिशत है।
वन क्षेत्र में कमी दर्शाने वाले राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय हैं। चिंतनीय स्थिति यह है कि देश के 140 पहाड़ी जिलों में वन क्षेत्र में 902 वर्ग किमी की कमी आई है।