टीके को लेकर आखिर अविश्वास क्यों? वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग

By वेद प्रताप वैदिक | Published: June 28, 2021 06:01 PM2021-06-28T18:01:09+5:302021-06-28T18:02:22+5:30

भारत के विभिन्न प्रांतों में अभी तक वैसे तो कुछ दर्जन मरीज ही डेल्टा प्लस के पाए गए हैं लेकिन यदि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सतर्कदेशों में यह फैल सकता है तो भारत में तो इसके संक्रमण की गुंजाइश बहुत ज्यादा है.

india corona second wave delta plus distrust vaccines Vedpratap Vaidik's blog | टीके को लेकर आखिर अविश्वास क्यों? वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग

डेल्टा के लगभग सवा लाख मरीज हो गए हैं.

Highlightsऑस्ट्रेलिया ने कई शहरों में दुबारा तालाबंदी की घोषणा कर दी है. रूस में टीकाकरण की रफ्तार धीमी थी.ब्रिटेन में यद्यपि ज्यादातर लोगों ने टीके लगवा लिए हैं.

भारत में कोरोना की दूसरी लहर उतार पर दिखाई दे रही है लेकिन तीसरी लहर की आशंका तो बनी ही हुई है, उसके साथ डेल्टा और डेल्टा प्लस वायरस के फैलने का खतरा भी दिखाई पड़ने लगा है.

यदि लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो इसे फैलते देर नहीं लगेगी. भारत के विभिन्न प्रांतों में अभी तक वैसे तो कुछ दर्जन मरीज ही डेल्टा प्लस के पाए गए हैं लेकिन यदि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सतर्कदेशों में यह फैल सकता है तो भारत में तो इसके संक्रमण की गुंजाइश बहुत ज्यादा है.

अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन ने शुरू में काफी लापरवाही बरती, जिसके फलस्वरूप छह लाख से ज्यादा अमेरिकियों की जान चली गई लेकिन बाइडेन प्रशासन काफी सतर्कता का परिचय दे रहा है ऑस्ट्रेलिया ने कई शहरों में दुबारा तालाबंदी की घोषणा कर दी है. रूस में टीकाकरण की रफ्तार धीमी थी लेकिन पुतिन-प्रशासन ने उसे कई क्षेत्नों के निवासियों के लिए अनिवार्य कर दिया है.

ब्रिटेन में यद्यपि ज्यादातर लोगों ने टीके लगवा लिए हैं लेकिन वहां भी डेल्टा के लगभग सवा लाख मरीज हो गए हैं. सच्चाई तो यह है कि भारत और कुछ अन्य देशों की तरह अमेरिका में भी यह अंध-अविश्वास फैला हुआ है कि कोरोना का टीका जो भी लगवाएगा, उसकी जिंदगी का दो साल में अंत हो जाएगा.

यह बात इन देशों के कई मित्नों ने मुङो फोन पर बताई तो मैंने उनसे कहा कि ऐसे लोग बड़े भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें तो दो साल मिल रहे हैं और यहां तो पल भर की भी खबर नहीं है. यह संतोष की बात है कि भारत में टीकाकरण की रफ्तार आजकल काफी तेज हो गई है और इस साल के अंत तक शायद 100 करोड़ लोगों को टीके लग जाएंगे.

भारत के लोगों में फैले अंध-अविश्वास का खंडन तो इसी तथ्य से हो जाना चाहिए कि जिन लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं, उनमें से वे ही कुछ लोग कोरोना की चपेट में आए हैं, जो पहले से किन्हीं गंभीर रोगों से ग्रस्त थे. जिन लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं, उनसे भी अपेक्षा है कि वे मुंहपट्टी लगाए रखेंगे, शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे और भीड़भाड़ से बचते रहेंगे.

अभी तक ठीक से पता नहीं है कि दो टीकावाले लोगों पर ये डेल्टा प्लस विषाणु कितना असर करेगा. हम भारत के लोग अपनी घरेलू औषधियों, काढ़ों और प्राणायाम आदि से भी इस नए वायरस का मुकाबला करेंगे, जो अन्य देशों के लिए भी अनुकरणीय है.

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