ब्लॉग: भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही होगी बंद

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 6, 2024 02:35 PM2024-01-06T14:35:21+5:302024-01-06T14:36:19+5:30

बिना वीजा के आवाजाही की सुविधा समाप्त होने के बाद सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता होगी। साथ ही म्यांमार के साथ भारत की सीमा पर बाड़ भी लगाई जाएगी।

Free movement on India-Myanmar border will be stopped | ब्लॉग: भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही होगी बंद

ब्लॉग: भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही होगी बंद

रंजना मिश्रा

भारत सरकार ने हाल ही में भारत-म्यांमार सीमा के 300 किलोमीटर के हिस्से पर स्मार्ट बाड़ लगाने का फैसला किया है। दरअसल अब केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम के साथ लगने वाली भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी करने जा रही है।

भारत और म्यांमार के बीच 1643 किमी लंबी सीमा है, जो भारत के मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के बीच फैली हुई है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत यहां साल 2018 में एफएमआर यानी मुक्त आवाजाही व्यवस्था को लागू किया गया था।

यह छूट सीमा के निकट रहने वाले दोनों देशों के नागरिकों के हित में दी गई थी। ताकि वे 16 किमी भीतर तक बिना वीजा के एक सीमा पास दिखाकर एक दूसरे के यहां आ-जा सकें, क्योंकि इस सीमा के आसपास रहने वाले लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। एफएमआर (फ्री मूवमेंट रिजीम) के तहत पहाड़ी जनजातियों का कोई भी सदस्य, जो भारत या म्यांमार का नागरिक हो और जो सीमा के दोनों ओर 16 किमी के भीतर किसी भी क्षेत्र में रहता हो, वो सीमा पास दिखाकर सीमा पार कर सकता है।

इस सीमा पास की वैधता साल भर की होती है। सीमा पार करने के बाद प्रति यात्रा में वो दो हफ्ते तक दूसरे देश में बिना किसी परेशानी के रह सकता है। यह सुविधा दोनों देशों के लोगों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भी दी गई थी। इसलिए दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के देश में बिना वीजा के आवाजाही करते थे।

साल 1826 में अंग्रेजों ने भारत और म्यांमार के बीच की सीमा का सीमांकन इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मर्जी जाने बिना ही कर दिया था। इस प्रकार एक ही जाति और संस्कृति के लोग दो देशों में विभाजित कर दिए गए। यहां पर मुख्य रूप से कुकी और चिन जनजातियां रहती हैं।

हाल के वर्षों में म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और सशस्त्र संघर्ष के कारण भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं। इन चुनौतियों को देखते हुए भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर बिना वीजा के आवाजाही की सुविधा को समाप्त करने का फैसला किया है। बिना वीजा के आवाजाही की सुविधा समाप्त होने के बाद सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता होगी। साथ ही म्यांमार के साथ भारत की सीमा पर बाड़ भी लगाई जाएगी।

भारत-म्यांमार सीमा पर बिना वीजा की आवाजाही की सुविधा समाप्त होने से दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर कुछ असर पड़ सकता है। हालांकि एफएमआर की सुविधा समाप्त करने से भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। वर्ष 2021 में म्यांमार में तख्ता पलट के बाद से कई हजार शरणार्थी भारत में आ चुके हैं।

Web Title: Free movement on India-Myanmar border will be stopped

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