संपादकीयः समय रहते ही डिजिटल लेनदेन में लाएं तेजी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 23, 2019 05:49 AM2019-03-23T05:49:55+5:302019-03-23T05:49:55+5:30

हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि  देश में इस समय करीब 2.38 लाख एटीएम हैं, जिसमें से 1.13 लाख एटीएम बंद हो सकते हैं.

Editorial: fasting digital transactions to avoid problems | संपादकीयः समय रहते ही डिजिटल लेनदेन में लाएं तेजी

संपादकीयः समय रहते ही डिजिटल लेनदेन में लाएं तेजी

इस माह के अंत तक देश के आधे एटीएम बंद होने की संभावना वाली  एटीएम उद्योग मंडल की सूचना चिंतित करने वाली है. मंडल ने एटीएम बंद होने के पीछे की वजह तकनीकी अपग्रेड को बताया है. यह खबर इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है कि एटीएम उद्योग मंडल के अनुसार जो एटीएम बंद हो सकते हैं, उनमें अधिकांश गैर-शहरी क्षेत्रों के होंगे. वैसे तो  कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले दिनों काफी प्रयास किया है, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी अधिकांश लोग इसके प्रति सहज नहीं हो पाए हैं. खासकर गैर-शहरी क्षेत्रों में लोग आज भी डिजिटल ट्रांजेक्शन के प्रति शंकालु नजर आते हैं. 

ऐसे में उन्हीं क्षेत्रों में एटीएम का बंद होना लोगों के लिए भारी असुविधाजनक हो सकता है. हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि  देश में इस समय करीब 2.38 लाख एटीएम हैं, जिसमें से 1.13 लाख एटीएम बंद हो सकते हैं. एटीएम बंद होने का कारण तकनीकी दिक्कतें हैं और एटीएम उद्योग मंडल का कहना है कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड समेत हाल में हुए रेग्युलेटरी बदलावों, कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड को लेकर अध्यादेशों और कैश लोडिंग की कैसेट स्वैप तकनीक से एटीएम का संचालन नुकसानदेह हो जाएगा. 

इसमें कोई संदेह नहीं कि नोटबंदी के नुकसान जो भी रहे हों, इसने लोगों को मजबूरी में ही सही, डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया था. लेकिन जानकारी के अभाव में कई बार पढ़े-लिखे लोगों को आज भी डिजिटल पेमेंट करने में असुविधा होती है. इसके अलावा इसके सुरक्षित होने के बारे में भी कई बार लोगों के मन में शंका बनी रहती है. इसलिए इस बारे में सरकार द्वारा अगर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए तो नकदी के इस्तेमाल में निश्चित रूप से कमी आ सकती है. 

लोगों को एक बार डिजिटल लेन-देन के प्रति सहज बना दिया जाए तो वे खुद ही ज्यादा कैश पास में रखना पसंद नहीं करेंगे. नोटबंदी के बाद जिस तरह देशभर में एटीएम के सामने अंतहीन लाइनें लगी थीं, अगर सरकार चाहती है कि देश में करीब आधे एटीएम बंद होने के बाद फिर से वैसे ही हालात न पैदा हों तो उसे लोगों को डिजिटल लेन-देन के प्रति सहज बनाने के अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी.

Web Title: Editorial: fasting digital transactions to avoid problems

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