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भूकंपः क्यों बार बार डोल रही है धरती? जानिए इसके बड़े खतरे के बारे में

By योगेश कुमार गोयल | Updated: January 7, 2023 14:58 IST

आंकड़े देखें तो एनसीएस के मुताबिक वर्ष 2020 में दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में कुल 51 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनमें से कई रिक्टर स्केल पर तीन या उससे अधिक तीव्रता के थे

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पांच जनवरी की रात एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर से लेकर जम्मू-कश्मीर तक में भूकंप के झटके महसूस किए गए, रिक्टर स्केल पर जिसकी तीव्रता 5.9 रही। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 79 किलोमीटर दूर हिंदूकुश इलाका रहा। इससे पहले नए साल के पहले ही दिन एक जनवरी की सुबह भी दिल्ली-एनसीआर में 3.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए थे। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में तो 18 दिनों में पांच बार धरती डोल चुकी है। बीते कुछ महीनों में दिल्ली एनसीआर इलाके में भी भूकंप के कई झटके आ चुके हैं। नवंबर माह में तो दो बार ऐसे बड़े भूकंप आए जिनमें से एक अति गंभीर श्रेणी का रिक्टर स्केल पर 6.3 तीव्रता का था, जिसका असर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित सात राज्यों के अलावा चीन और नेपाल तक महसूस किया गया था। 

आंकड़े देखें तो एनसीएस के मुताबिक वर्ष 2020 में दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में कुल 51 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनमें से कई रिक्टर स्केल पर तीन या उससे अधिक तीव्रता के थे। 2020 के बाद से ही दिल्ली-एनसीआर इलाका लगातार भूकंप के झटकों से थर्रा रहा है। हालांकि राहत की बात यही है कि बार-बार लग रहे भूकंप के झटकों से अब तक जान-माल का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

संसद में एक सवाल के जवाब में एनसीएस के आंकड़ों के हवाले से बताया गया था कि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक देश में 965 बार भूकंप आया और भूकंप के ये सभी झटके रिक्टर पैमाने पर तीन या उससे अधिक तीव्रता के थे। बार-बार आ रहे भूकंप के अध्ययन के लिए अब इसरो की सहायता से सैटेलाइट इमेजिंग की मदद ली जा रही है और एनसीएस, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून तथा आईआईटी कानपुर भूकंप को लेकर गहन अध्ययन कर रहे हैं। बड़े भूकंप के खतरे के मद्देनजर देश में भूकंप माइक्रोजोनिंग का कार्य भी शुरू किया जा चुका है, जिसमें क्षेत्रवार जमीन की संरचना आदि के हिसाब से जोनों के भीतर भी क्षेत्रों को भूकंप के खतरों के हिसाब से तीन माइक्रो जोन में विभाजित किया जाता है। एनसीएस द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार 20 भारतीय शहरों तथा कस्बों में भूकंप का खतरा सर्वाधिक है, जिनमें दिल्ली सहित नौ राज्यों की राजधानियां शामिल हैं। हिमालयी पर्वत श्रृंखला क्षेत्र को दुनिया में भूकंप को लेकर सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है और एनसीएस के अध्ययन के अनुसार भूकंप के लिहाज से सर्वाधिक संवदेनशील शहर इसी क्षेत्र में बसे हैं। कई भूगर्भ वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि भूकंप के छोटे-छोटे झटके किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।  

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