ब्लॉगः नशे के सौदागर युवाओं के साथ कर रहे खिलवाड़, 3000 किलो हेरोइन बरामद, आखिर कबतक

By कृष्ण प्रताप सिंह | Published: September 27, 2021 05:50 PM2021-09-27T17:50:56+5:302021-09-27T17:52:07+5:30

राजस्व खुफिया निदेशालय ने बरामद सारी हेरोइन अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ रु पए तक बताई जा रही है, जब्त कर ली है.

Drug dealers playing youth 3000 kg heroin recovered gujarat afg taliban punjab | ब्लॉगः नशे के सौदागर युवाओं के साथ कर रहे खिलवाड़, 3000 किलो हेरोइन बरामद, आखिर कबतक

नशे का कारोबार और निर्भय होकर दुनिया के अनेक देशों में नए-नए गुल खिलाएगा.

Highlightsराजनीतिक फायदे तलाशे जाने लगे हैं.असली दोषियों का संरक्षण होता रहता है और खानापूरी के लिए छोटे-मोटे कारोबारी फंदे में फंसाए जाते रहते हैं. अफगानिस्तान से हेरोइन की उक्त खेप गुजरात को निर्यात की गई.

नशे के वैध-अवैध और देसी-विदेशी सौदागर देश के युवाओं के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ में लगे हुए हैं, इसकी एक मिसाल डीआरआई यानी राजस्व खुफिया निदेशालय और कस्टम अधिकारियों द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से दो कंटेनरों में भरी करीब 3000 किलो हेरोइन बरामद किया जाना भी है.

 

बहरहाल, राजस्व खुफिया निदेशालय ने बरामद सारी हेरोइन अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ रु पए तक बताई जा रही है, जब्त कर ली है. राजस्व खुफिया निदेशालय और कस्टम अधिकारियों की मानें तो वे  पांच दिनों से उसकी बरामदगी का आपरेशन चला रहे थे लेकिन सवाल है कि क्या नशे के कारोबार पर अंकुश के लिए ऐसे आपरेशन ही पर्याप्त हैं और उन्हीं के बूते हम अपनी नई पीढ़ी को नशे से बचाने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं?

इसका सीधा जवाब है : नहीं. ऐसा तब तक नहीं हो सकता, जब तक इस कारोबार को लेकर राजनीति और साथ ही उसको संरक्षण बंद न हो. देश में नशे के कारोबार खिलाफ अनेक कानूनों और उनके सख्ती से अनुपालन के ऐलान के बावजूद वह खत्म होने के बजाय इसलिए बढ़ता जा रहा है क्योंकि उसमें राजनीतिक फायदे तलाशे जाने लगे हैं.

कई बार इन्हीं फायदे-नुकसानों के मद्देनजर इस कारोबार के असली दोषियों का संरक्षण होता रहता है और खानापूरी के लिए छोटे-मोटे कारोबारी फंदे में फंसाए जाते रहते हैं. अफगानिस्तान से निकली हेरोइन की खेप का गुजरात तक निर्विघ्न पहुंच जाना साफ बताता है कि उसके परिवहन का रास्ता हमवार करने में ऐसी शक्तियां भी लगी हुई थीं, जिन्हें हम अदृश्य शक्तियां कहते हैं.

अब सरकारी एजेंसियां और प्रशासन इस बरामदगी को लेकर ईमानदार हैं तो उनको सख्ती से उन अदृश्य शक्तियों की शिनाख्त कर उन पर भी शिकंजा कसना होगा. अन्यथा बड़ी मछलियां फिर बच निकलेंगी. यह भी समझना होगा कि नशे के बड़े सौदागरों के रैकेट अंतरराष्ट्रीय हुआ करते हैं और वे किसी देश की सीमा अथवा स्वार्थों में नहीं बंधा करते.

इसे यों भी समझ सकते हैं कि जिस अफगानिस्तान से हेरोइन की उक्त खेप गुजरात को निर्यात की गई, उस पर अब तालिबान का राज है तो कहा जा रहा है कि उसका नशे का कारोबार और निर्भय होकर दुनिया के अनेक देशों में नए-नए गुल खिलाएगा.

Web Title: Drug dealers playing youth 3000 kg heroin recovered gujarat afg taliban punjab

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