Delhi Elections 2025: एक दशक बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव को दिलचस्प बनाने का श्रेय उस दल को है, जिसका पिछले दो चुनावों में खाता नहीं खुल पाया. पिछले दो चुनाव में एकतरफा जीती आम आदमी पार्टी (आप) को इस बार बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर इसलिए भी लगाना पड़ रहा है कि लगभग छह महीने पहले लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ी कांग्रेस ने भी उसके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. यह अलग बात है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को साढ़े चार प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे. दोस्ती के अचानक फिर से दुश्मनी में बदल जाने के पीछे की असली कहानी तो कांग्रेस और आप का आलाकमान ही बेहतर जानता होगा, लेकिन दोनों एक-दूसरे के विरुद्ध कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे. स्थानीय नेता तो लोकसभा चुनाव के बाद से ही एक-दूसरे पर निशाना साधने में जुट गए थे.
लेकिन अब इसमें आलाकमान की भी ‘एंट्री’ हो गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार की शुरुआत सीलमपुर में रैली से करते हुए सीधा आरोप लगाया कि आप के संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह झूठे वायदे करते हैं. केजरीवाल ने भी जवाब देने में देर नहीं लगाई.
केजरीवाल की टिप्पणी थी: वह कांग्रेस बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि मैं देश बचाने की. केजरीवाल को मोदी की तरह ही झूठे वायदों के लिए कठघरे में खड़ा करने से ऐसा लग सकता है कि कांग्रेस अपने दोनों विरोधी दलों पर समान रूप से हमला कर रही है, लेकिन असल में उसके निशाने पर आप ज्यादा है. शराब नीति घोटाले की शिकायत तो पुरानी हो गई.
हाल ही में आप की महिला सम्मान योजना की शिकायत भी कांग्रेस ने ही उपराज्यपाल से की. नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से केजरीवाल के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने पंजाब पुलिस द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों की जासूसी तथा चुनाव के लिए पंजाब से दिल्ली कैश लाए जाने की शिकायत भी उपराज्यपाल से की. जाहिर है, जांच शुरू हो चुकी है.
कथित शीशमहल के मुद्दे पर भी कांग्रेस, भाजपा से कम आक्रामक नहीं है. कांग्रेस इस बार आप के प्रमुख नेताओं की जबर्दस्त चुनावी घेराबंदी भी कर रही है. खास बात यह भी कि कांग्रेस का फोकस उन दो दर्जन सीटों पर ज्यादा है, जो झुग्गी-झोपड़ी और अल्पसंख्यक बहुल हैं. गरीब, दलित और अल्पसंख्यक दिल्ली में कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहे, लेकिन 2013 में बनी आप धीरे-धीरे उन्हें अपने पाले में ले गई.