ब्लॉग: दुनियाभर की संस्कृतियों का हिस्सा है नृत्य
By रमेश ठाकुर | Published: April 29, 2024 10:08 AM2024-04-29T10:08:47+5:302024-04-29T10:10:26+5:30
आज सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस’ है, जिसकी शुरुआत 29 अप्रैल 1982 को हुई थी। आज का ये खास दिन नृत्य कला के महान सुधारक जीन-जॉर्जेस नोवरे की जन्म स्मृति पर आधारित है।
नृत्य दुनिया भर की संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नृत्य एक कला भी है और शिक्षा भी, साथ ही मानव शरीर को स्वस्थ रखने की साधना भी। आज सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस’ है, जिसकी शुरुआत 29 अप्रैल 1982 को हुई थी। आज का ये खास दिन नृत्य कला के महान सुधारक जीन-जॉर्जेस नोवरे की जन्म स्मृति पर आधारित है। जहां तक भारतीय नृत्यों की बात है तो दुनिया भर में हमेशा से मशहूर रहे हैं। भरतनाट्यम और कथक नृत्य का आज भी कोई जवाब नहीं। इंग्लैंड की महारानी हों या पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो से लेकर कई देशों के प्रमुखों का पसंदीदा नृत्य कथक ही रहा।
यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टीट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में सर्वसम्मति से मनाने का निर्णय लिया था। पिछले वर्ष-2023 में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की थीम ‘नृत्य-दुनिया के साथ संवाद करने का एक तरीका’ थी। गौरतलब है कि हिंदुस्तान में नृत्य कला हजारों साल पुरानी है. हमारे यहां नृत्य की एक नहीं, बल्कि कई विधाएं हैं जिनमें कथकली, मोहिनीअट्टम, ओडिसी, कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मणिपुरी शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश स्तरों पर भी किस्म-किस्म के नृत्य मौजूद हैं। पर आधुनिक समय में नृत्य के रंग-रूप और प्रारूप बदल चुके हैं जिसका उदाहरण टीवी पर आयोजित होने वाली डांस प्रतियोगिताएं हैं।
नृत्य के चिकित्सकीय लाभ भी बहुतेरे हैं। डांस करने से फैट बहुत तेजी से घटता है। मात्र 30 मिनट के डांस में 150 कैलोरी तक फैट बर्न होता है। डांस से ब्रेन एक्टिव रहता है। चिकित्सक कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के मरीजों को डांस करना फायदेमंद बताते हैं। डांस से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है. नियमित डांस से शरीर की एनर्जी बढ़ती है। डांस से भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य में बहुत तेजी से सुधार होता है। देशभर में हजारों की संख्या में डांस एकेडमी संचालित हैं। प्रत्येक स्कूल, कॉलेज व विश्विविद्यालयों में नृत्य के टीचर बच्चों को डांस का प्रशिक्षण देते हैं। राज्य व केंद्र सरकार भी भरपूर संसाधन मुहैया कराते हैं।