ब्लॉग: भारत-अमेरिका के संबंधों में नए अध्याय का निर्माण
By अवधेश कुमार | Published: June 26, 2023 02:32 PM2023-06-26T14:32:35+5:302023-06-26T14:34:45+5:30
अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच गहरे मतभेद और टकराव हैं किंतु भारत के साथ रिश्तों और रणनीतिक साझेदारी को लेकर एकता दिखी है.
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि अमेरिका ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजकीय यात्रा पर आमंत्रित करने के साथ जिस तरह स्वागत सम्मान किया, उनके प्रति राष्ट्रपति जो बाइडेन, उनकी पत्नी जिल बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सहित संपूर्ण बाइडेन प्रशासन और विपक्ष का जैसा व्यवहार रहा एवं जिस तरह के समझौते हुए वैसा पिछले अनेक वर्षों में नहीं हुआ.
अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच गहरे मतभेद और टकराव हैं किंतु भारत के साथ गहरे बहुपक्षीय रिश्तों और रणनीतिक साझेदारी को लेकर गजब की एकता दिखी है.
दोनों पार्टियों ने मोदी को अमेरिकी संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया और संबोधन के दौरान उत्साहजनक तालियां एवं 15 बार स्टैंडिंग ओवेशन मिला. सांसदों में नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने और ऑटोग्राफ लेने की होड़ थी.
इस यात्रा से 21वीं सदी के वैश्विक समीकरणों में बदलाव की शुरुआत हुई तथा ऐसी नई विश्व व्यवस्था की नींव पड़ी है जिसमें भारत अपनी क्षमता, विचारधारा और नेतृत्व की बदौलत निर्णायक भूमिका में दिखाई पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाॅशिंगटन के कैनेडी सेंटर में भारत और अमेरिका के शीर्ष कारोबारियों, समाजसेवियों और भारतीय अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी सहूलियत पर नहीं बल्कि दृढ़ विश्वास, साझा प्रतिबद्धता और संवेदना पर आधारित है.
तीन दिनों की यात्रा में राष्ट्रपति बाइडेन के साथ चार चरणों की मुलाकात के बाद दोनों देशों की तरफ से रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार व अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में सहयोग की जो बड़ी घोषणाएं हुईं, समझौते हुए वे सब दो देशों के बीच ही नहीं संपूर्ण विश्व के बदलते समीकरणों के परिचायक हैं. इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंधों, अंतरराष्ट्रीय राजनीति एवं नई विश्व व्यवस्था की दृष्टि से नए दौर की शुरुआत हुई, नए अध्याय का निर्माण हुआ है.
मोदी और बाइडेन के बीच शिखर वार्ता के बाद आतंकवाद और कट्टरता के बढ़ते खतरे पर जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान के लिए सख्त शब्दों का प्रयोग सामान्य बात नहीं है. बयान में सीमा पार आतंकवाद की निंदा के साथ कहा गया है कि पाकिस्तान सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो.
मुंबई हमले व पठानकोट हमले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग के साथ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित अलकायदा जैसे लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील भी इसमें है.