ब्लॉग: विदेश में न लगे देश की प्रतिष्ठा पर दाग

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 6, 2023 09:51 AM2023-12-06T09:51:10+5:302023-12-06T09:51:48+5:30

यदि भारत ने वही किया है जो अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे अमेरिकी संप्रभुता की पवित्रता के प्रति स्पष्ट अनादर, कानून के शासन की अवहेलना और स्थापित अंतरराष्ट्रीय समझौतों और प्रथाओं का उल्लंघन प्रकट होगा।

Country's reputation should not be tarnished abroad | ब्लॉग: विदेश में न लगे देश की प्रतिष्ठा पर दाग

ब्लॉग: विदेश में न लगे देश की प्रतिष्ठा पर दाग

शशि थरूर

यह खबर कि संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने कथित तौर पर भारत सरकार के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ यह दावा करते हुए आरोप पत्र दायर किया है कि उसे अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रचने के लिए भुगतान किया गया था, ने नई दिल्ली की गरिमा को हिलाकर रख दिया है।

आरोप विस्फोटक हैं: भारत सरकार के एक अधिकारी ने कथित तौर पर 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू -न्यूयॉर्क में रहने वाले दोहरे अमेरिकी/कनाडाई नागरिक- की हत्या करने का निर्देश दिया था।
 पन्नू एक कुख्यात खालिस्तानी अलगाववादी है जो अपनी पूर्व मातृभूमि में हिंसा और अशांति फैलाने में लगा हुआ है और उस पर पाकिस्तानी खुफिया विभाग की ओर से काम करने का आरोप है।

अमेरिकी सरकार के लिए, वह न्यूयॉर्क स्थित एक सिख कार्यकर्ता समूह (जिसे भ्रामक रूप से ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम दिया गया है) का कानूनी सलाहकार है और उसने जो कहा और किया है, उससे अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन नहीं होता। सबसे बढ़कर, वह एक अमेरिकी नागरिक है, एक ऐसा दर्जा जो अमेरिकी नजरों में उसे उसकी सरकार का संरक्षण प्रदान करता है।

अमेरिका के न्याय विभाग के अभियोग में आरोप लगाया गया है कि गुप्ता को नई दिल्ली में भारत सरकार के एक अधिकारी द्वारा नियुक्त किया गया था (हालांकि अदालत में दाखिल किए गए दस्तावेज में उसका नाम नहीं बताया गया है, लेकिन उसकी ‘पहचान’ की गई है) ताकि पन्नू को खत्म करने के लिए किसी को भाड़े पर लिया जा सके।

गुप्ता, जिसका स्वयं अप्रिय आपराधिक इतिहास है-(जिसे अंतरराष्ट्रीय हथियारों और नशीले पदार्थों के व्यापार से जुड़ा हुआ बताया गया है और उस पर गुजरात में एक मामला लंबित है, जिसके बारे में भारतीय अधिकारी ने उससे वादा किया था कि उसका ‘ध्यान रखा जाएगा’), उस पर आरोप है कि उसने पिछली गर्मियों में हिटमैन (भाड़े के व्यक्ति) को 15000 अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान किया था, जिसको हत्या करने के बदले में लगभग एक लाख अमेरिकी डॉलर मिलने थे।

गुप्ता (और भारत सरकार) के दुर्भाग्य से, हिटमैन वास्तव में अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) का एक अंडरकवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक गुप्ता पर नजर रखने के बाद, उसने अदालत में अभियोग को संभव बनाने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र कर लिए थे।

अमेरिका के डीईए ने विधिवत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें दावा किया गया कि उसके जांचकर्ताओं ने ‘अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की कोशिश को नाकाम करते हुए एक खतरनाक साजिश को उजागर किया है।’

ऐसा प्रतीत होता है कि गुप्ता ने अपना काम बहुत ही अयोग्यता के साथ किया, और इसमें शामिल सभी लोगों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत छोड़ दिए, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के वाशिंगटन दौरे की तारीखों पर कुछ करने से बचने के निर्देश भी शामिल हैं।
ऐसा लगता है कि नई दिल्ली में उसके हैंडलर ने थोड़ा बेहतर किया, उसने गुप्ता को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के वीडियो साक्ष्य उपलब्ध कराए, जिसमें ‘निज्जर का खून से लथपथ शरीर उसके वाहन में गिरा हुआ दिखा’, जिसे गुप्ता ने लापरवाही से हिटमैन के साथ साझा किया, जो हत्यारों द्वारा लक्षित दो खालिस्तानियों के बीच एक स्पष्ट संबंध होने का सबूत था।

न्याय विभाग के अभियोग में आरोप लगाया गया है कि साजिशकर्ता के रूप में उल्लिखित भारत सरकार के अधिकारी ने गुप्ता को पन्नू के पते, फोन नंबर और दैनिक दिनचर्या के बारे में विवरण प्रदान किया, जिसे गुप्ता ने हिटमैन को दे दिया।

यह एक ऐसा सबूत है जो निज्जर मामले में स्पष्ट रूप से अनुपस्थित था, जहां कनाडा केवल भारतीय एजेंटों के खिलाफ ‘विश्वसनीय आरोपों’ की बात कर सकता था, ‘विश्वसनीय सबूत’ की नहीं। यह आश्चर्यजनक है कि जबकि अमेरिकी न्याय विभाग अदालत में गया है, कनाडाई सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

आधिकारिक भारतीय प्रवक्ता ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में बहुत अधिक सावधानी बरती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘मामला चिंता का विषय है।’ यह दोहराते हुए कि विदेश में हत्याएं करना ‘सरकारी नीति के विपरीत है’, उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी आरोपों को गंभीरता से ले रहा है: ‘संगठित अपराध, तस्करी, हथियारों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चरमपंथियों के बीच सांठगांठ कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संगठनों के लिए विचार करने के लिए एक गंभीर मुद्दा है और यही कारण है कि एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है, जिसके परिणामों के अनुसार हम कार्रवाई करेंगे।’

यह प्रकरण निस्संदेह गंभीर चिंता का विषय है और दुनिया में भारत के स्थान पर इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। एक ऐसा देश जो लंबे समय से अपने अंतरराष्ट्रीय मामलों में आचरण में संयम, दूरदर्शिता और परिपक्वता के लिए प्रतिष्ठित रहा है, अब दुनिया भर में एक गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में चित्रित किया जा रहा है जो विदेशों में हत्याओं के लिए विदेशी नागरिकों को लापरवाही से निशाना बना रहा है।

यदि भारत ने वही किया है जो अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे अमेरिकी संप्रभुता की पवित्रता के प्रति स्पष्ट अनादर, कानून के शासन की अवहेलना और स्थापित अंतरराष्ट्रीय समझौतों और प्रथाओं का उल्लंघन प्रकट होगा।
अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते हमारे लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि हम एक ऐसे मुद्दे का समर्थन करने वाले व्यक्ति से छुटकारा पाने के लिए इसे खतरे में नहीं डाल सकते जिसके प्रति पंजाब में कोई वास्तविक आकर्षण नहीं है।

खालिस्तानी आंदोलन आज भारत के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है। पन्नू भले ही हमारा खून खौलाए, लेकिन उसके लिए वाशिंगटन के साथ अपने विशेष संबंधों को कमजोर करना उचित नहीं है।

क्या नई दिल्ली में ‘हैंडलर’ हमारी गुप्त सेवाओं में सर्वोच्च अधिकारियों की ओर से काम कर रहा था, या स्वयं ही अपनी शान बघारने के लिए ऐसा कर रहा था?

यदि पहली बात सच है तो मानना चाहिए कि न केवल अमेरिका में इस तरह के ऑपरेशन की कल्पना करना मूर्खता थी बल्कि अपने पीछे इतने सारे सबूत छोड़ते हुए जिस अक्षमता के साथ इसे अंजाम दिया गया, वह बेहद बचकाना था।

यदि बाद की बात सच है तो ऐसे व्यक्ति को न केवल फटकार लगाई जानी चाहिए, बल्कि सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए और सार्वजनिक रूप से मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

भारत को यह उदाहरण स्थापित करना चाहिए कि हम देश और विदेश में कानून के शासन के प्रति समर्पित राष्ट्र हैं। भारत को ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए अपनी कूटनीतिक रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। 
 

Web Title: Country's reputation should not be tarnished abroad

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे