ब्लॉग: कांग्रेस की हार से विपक्षी गठबंधन पर ग्रहण

By राजकुमार सिंह | Published: December 8, 2023 09:57 AM2023-12-08T09:57:54+5:302023-12-08T10:03:32+5:30

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली हो गई है।

Blog: Opposition alliance eclipsed by Congress's defeat | ब्लॉग: कांग्रेस की हार से विपक्षी गठबंधन पर ग्रहण

फाइल फोटो

Highlightsपांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली हो गई हैमध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मुकाबला भी करती नजर नहीं आई?बेशक भाजपा के बाद दूसरा बड़ा दल कांग्रेस ही है लेकिन दोनों की सीटों में भारी अंतर है

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली हो गई है। मिजोरम में तो 22 साल शासन करनेवाली कांग्रेस मात्र एक सीट पर सिमट गई, तेलंगाना में उसे शानदार जीत मिली है, लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की हार बहुत बड़ी है। कांग्रेस से जीत न सही, बराबर की टक्कर की उम्मीद अवश्य थी।

आखिर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में तीनों राज्यों में उसने भाजपा से सत्ता छीन ली थी। 15 महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के चलते मध्य प्रदेश में तो कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सत्ता में वापसी हो गई, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में क्रमश: अशोक गहलोत और भूपेश बघेल सरकारों ने अपना कार्यकाल पूरा किया फिर ऐसा क्यों हुआ कि इन तीनों राज्यों में कांग्रेस मुकाबला भी करती नजर नहीं आई?

बेशक भाजपा के बाद दूसरा बड़ा दल कांग्रेस ही बनी पर दोनों की सीटों के बीच फासला बहुत कुछ कहता है। बिना सीएम चेहरा पेश किए ही भाजपा की प्रचंड जीत का श्रेय स्वाभाविक ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जो मुख्य रणनीतिकार और स्टार कैंपेनर भी रहे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमेशा की तरह कुशल चुनाव प्रबंधन से उस रणनीति को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऐसे में स्वाभाविक सवाल कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी-जवाबदेही को लेकर उठ रहे हैं

दरअसल तमाम अटकलों के बावजूद, मोदी की रणनीति और शाह के प्रबंधन के मुताबिक भाजपा जहां तीनों राज्यों में कमोबेश एकजुट चुनाव लड़ती दिखी, वहीं कांग्रेस दिशाहीन और बिखरी हुई। बताया जाता है कि गहलोत, बघेल और कमलनाथ ने राहुल-प्रियंका गांधी के अलावा किसी कांग्रेस नेता की सुनी तक नहीं। राहुल-प्रियंका को लोग सुनने-देखने तो आए, पर उनकी बातों से प्रभावित होकर वोट नहीं दिया।

लोकसभा के लिए 65 सांसद चुननेवाले इन तीनों राज्यों में शर्मनाक हार के बाद अब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भी कांग्रेस की संभावनाओं को ग्रहण के संकेत मिल रहे हैं। कई-कई क्षत्रपों की अनुपलब्धता के चलते छह दिसंबर की बैठक टालनी पड़ी, पर जब भी बैठक होगी, चुनाव वाले राज्यों में पहले सीटों के बंटवारे से परहेज और फिर भाजपा को टक्कर न दे पाने पर सवाल उठेंगे ही, जिनका कांग्रेस के पास तर्कसम्मत जवाब नजर नहीं आता।

Web Title: Blog: Opposition alliance eclipsed by Congress's defeat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे