ब्लॉग: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से रक्षा तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि

By प्रमोद भार्गव | Updated: June 27, 2023 14:54 IST2023-06-27T14:52:56+5:302023-06-27T14:54:11+5:30

यह समझौता इसलिए मील का पत्थर है, क्योंकि अभी तक अमेरिकी कंपनी ने इस तरह के सौदे केवल आठ देशों से ही किए हैं. अब इन देशों में भारत भी शामिल हो गया है.

Blog: Big achievement in field of defense technology after PM Narendr Modi's visit to America | ब्लॉग: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से रक्षा तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि

ब्लॉग: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से रक्षा तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा रक्षा क्षेत्र में हुए समझौतों को लेकर अत्यंत फलदायी रही है. हालांकि इससे पहले मोदी अमेरिका की सात यात्राएं कर चुके हैं. बहरहाल यह खुशी की बात है कि भविष्य में भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)तेजस की अगली कड़ी में एमके-द्वितीय श्रेणी का जो विमान निर्मित होगा, उसमें वह स्वदेशी हाथों से बने इंजन से उड़ान भरेगा. 

इसमें लगने वाला जेट इंजन एफ-414 इंजन दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनी जनरल इलेक्ट्रिकल (जीई) एयरोस्पेस, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर बनाएगी. इस निर्णय की घोषणा जीई एयरोस्पेस के सीईओ एच लारेंस कल्प की मोदी के साथ हुई मुलाकात के कुछ घंटों के बाद की गई. इस इंजन के भारत में निर्माण की शुरुआत के बाद भारत उन चंद देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिनमें युद्धक विमानों के इंजन का निर्माण होता है. 

इस समझौते को भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग की दृष्टि से उल्लेखनीय उपलब्धि माना जा रहा है. दरअसल यह सामरिक उपलब्धि भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को मजबूती देगी.

यह समझौता इसलिए मील का पत्थर है, क्योंकि अभी तक अमेरिकी कंपनी ने इस तरह के सौदे केवल आठ देशों से ही किए हैं. अब इन देशों में भारत भी शामिल हो गया है. ये दोनों कंपनियां भारत में ही वायुसेना के हल्के युद्धक विमानों के लिए जेट इंजन बनाएंगी. इस यात्रा में जनरल एटमिक्स एमक्यू-9 ‘रीपर ड्रोन’ सहित कई ऐसे सौदे हुए हैं, जिनके चलते अमेरिका से हमारे रक्षा और आर्थिक संबंध पुख्ता होंगे क्योंकि वर्तमान समय अनेक विडंबनाओं और विरोधाभासों से भरा है. 

यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच डेढ़ साल से भीषण युद्ध चल रहा है, जिसमें दो पक्षों के बीच वर्चस्व की लड़ाई स्पष्ट दिखाई दे रही है. नतीजतन जो अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं युद्ध-विराम और शांति स्थापना के लिए बनी थीं, वे अप्रासंगिक हो गई हैं. एशिया में शीतयुद्ध की छाया पसरी है. इसलिए यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच नए आयाम स्थापित करने जैसी साबित होगी.

Web Title: Blog: Big achievement in field of defense technology after PM Narendr Modi's visit to America

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे