ब्लॉगः अक्सर फलदायी रही हैं राजनीतिक यात्राएं

By राजकुमार सिंह | Published: February 11, 2023 02:46 PM2023-02-11T14:46:18+5:302023-02-11T14:46:29+5:30

सड़क से सत्ता तक का सफर तय करवाने में राष्ट्रीय राजनीति में एक और यात्रा महत्वपूर्ण रही। वह थी लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की राम मंदिर रथ यात्रा। केंद्र में जब जनता दल सरकार आंतरिक कलह में हिचकोले खा रही थी, तभी उसे बाहर से समर्थन दे रही भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा शुरू की..

bharat jodo yatra Political travel has often been fruitful | ब्लॉगः अक्सर फलदायी रही हैं राजनीतिक यात्राएं

ब्लॉगः अक्सर फलदायी रही हैं राजनीतिक यात्राएं


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उन्हें और उनकी पार्टी को वांछित पद तक पहुंचा पाएगी या नहीं- यह तो समय ही बताएगा, लेकिन अतीत में ऐसी यात्राएं अक्सर फलदायी रही हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व का एक राजनेता के रूप में आकलन उनके साथ न्याय नहीं होगा, लेकिन उनके द्वारा 1930 में, नमक निर्माण पर टैक्स के विरुद्ध की गई ऐतिहासिक दांडी यात्रा दरअसल तत्कालीन अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध राजनीतिक प्रतिरोध ही था। 12 मार्च 1930 को शुरू हुए उस नमक सत्याग्रह ने 240 किमी लंबा सफर तय किया था। वह संघर्ष अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध था, इसलिए लंबा चला और भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिल पाई, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च एक महत्वपूर्ण पड़ाव निश्चय ही रहा।

आजाद भारत की पहली चर्चित यात्रा दिवंगत प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की भारत यात्रा मानी जाती है। वह उसके लगभग सात साल बाद नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम से प्रधानमंत्री बन पाए, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने में भारत यात्रा की बड़ी भूमिका रही। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल के विरुद्ध बगावत करनेवाले युवा तुर्कों में शुमार चंद्रशेखर 1977 में कांग्रेस को केंद्र की सत्ता से बेदखल करनेवाली जनता पार्टी के अध्यक्ष तो बन चुके थे, लेकिन सही मायने में उनकी राष्ट्रीय पहचान और स्वीकार्यता 1983 की भारत यात्रा के बाद ही बनी।

सड़क से सत्ता तक का सफर तय करवाने में राष्ट्रीय राजनीति में एक और यात्रा महत्वपूर्ण रही। वह थी लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की राम मंदिर रथ यात्रा। केंद्र में जब जनता दल सरकार आंतरिक कलह में हिचकोले खा रही थी, तभी उसे बाहर से समर्थन दे रही भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा शुरू की, जिसने 1984 में मात्र दो लोकसभा सीटों पर सिमट गई भाजपा को अंतत: केंद्रीय सत्ता में पहुंचा दिया।
 

Web Title: bharat jodo yatra Political travel has often been fruitful

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