भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: सरकार बैंकिंग व्यवस्था पर मंडराते संकट को दूर करने के उपाय करें

By भरत झुनझुनवाला | Published: December 22, 2019 04:53 AM2019-12-22T04:53:02+5:302019-12-22T04:53:02+5:30

कंपनी द्वारा इस परियोजना को एक सहायक कंपनी के नाम से बनाया जा रहा है. इस प्रकार की सहायक कंपनियों को सब्सिडियरी कहा जाता है. इनके 100 प्रतिशत शेयर प्रमुख कंपनी के हाथ में होते हैं. इस कंपनी ने 100 से अधिक सहायक कंपनियां बना रखी हैं.

bharat jhunjhunwala blog: Take measures to overcome the crisis looming on the banking system | भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: सरकार बैंकिंग व्यवस्था पर मंडराते संकट को दूर करने के उपाय करें

भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: बैंकिंग व्यवस्था पर मंडराते संकट को दूर करने के उपाय करें

Highlightsवर्ष 2018-2019 के अंत में इन सहायक कंपनियों द्वारा 71,600 करोड़ रुपए की विशाल रकम को देश के बैंकों से ऋण के रूप में लिया गया है. जिस प्रकार आईएलएफएस के डूबने से पूरे देश की बैंकिंग व्यवस्था संकट में आ गई थी, उसी प्रकार इस कंपनी के डूबने से भी बिगड़ सकती है.

इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएफएस) द्वारा लिए गए फर्जी ऋणों से अभी देश की बैंकिंग व्यवस्था जूझ ही रही है, आगे और विकट समस्या उत्पन्न होती दिख रही है. आईएलएफएस जैसी ही दूसरी विशालकाय कंपनी द्वारा एक जल विद्युत परियोजना बनाई जा रही है.

कंपनी द्वारा इस परियोजना को एक सहायक कंपनी के नाम से बनाया जा रहा है. इस प्रकार की सहायक कंपनियों को सब्सिडियरी कहा जाता है. इनके 100 प्रतिशत शेयर प्रमुख कंपनी के हाथ में होते हैं. इस कंपनी ने 100 से अधिक सहायक कंपनियां बना रखी हैं.

इन सहायक कंपनियों द्वारा बैंकों से भारी मात्ना में ऋण लिए जा रहे हैं. वर्ष 2018-2019 के अंत में इन सहायक कंपनियों द्वारा 71,600 करोड़ रुपए की विशाल रकम को देश के बैंकों से ऋण के रूप में लिया गया है. अत: जिस प्रकार आईएलएफएस के डूबने से पूरे देश की बैंकिंग व्यवस्था संकट में आ गई थी, उसी प्रकार इस कंपनी के डूबने से भी बिगड़ सकती है.

इस कंपनी की कार्यविधि बड़ी रोचक है. सहायक कंपनियों द्वारा बैंक से ऋण लिए जाते हैं. फिर सहायक कंपनी अपनी ही प्रमुख कंपनी को ठेके देती है. ये ठेके ऊंचे दामों में दिए जाते हैं. जैसे पिता द्वारा घाटे में चलने वाली दुकान को बेटे के नाम हस्तांतरित कर दिया जाए और दुकान को चलाने का ठेका बेटे द्वारा पिता को ऊंचे दाम में दे दिया जाए.

ऐसा होने पर बेटे को घाटा लगेगा. चूंकि ऊंचे दाम पर पिता को ठेका दिया और पिता को लाभ होगा क्योंकि उसे ऊंचे दाम पर ठेके मिले. इसी प्रकार इस विशालकाय कंपनी ने घाटे में चलने वाली इस परियोजना को सब्सिडियरी के नाम हस्तांतरित कर दिया और परियोजना बनाने का ठेका सब्सिडियरी द्वारा अपने ही मालिक प्रमुख कंपनी को ऊंचे दाम में दिया गया.

इस प्रकार सब्सिडियरी घाटा लग रहा है. चूंकि ऊंचे दाम पर प्रमुख कंपनी को ठेका दिया गया है और प्रमुख कंपनी को लाभ हो रहा है क्योंकि उसे ऊंचे दाम पर ठेके मिल रहे हैं. वस्तुस्थिति यह है कि सहायक कंपनियां बैंकों से ऋण ले रही हैं और स्वयं न्यून लाभ कमा रही हैं. लिए गए ऋण की रकम को वे ठेकों के माध्यम से अपनी ही प्रमुख कंपनी को हस्तांतरित कर रही हैं. 

प्रमुख कंपनी द्वारा इन्हीं ठेकों से हुए लाभ को दिखाकर अपने को लाभप्रद बताया जा रहा है. प्रमुख कंपनी की इस ऊपरी सुदृढ़ता को देखकर बैंकों द्वारा सहायक कंपनियों को ऋण दिए जा रहे हैं. इस प्रक्रि या में बैंक छले जा रहे हैं. प्रमुख और सहायक कंपनियों को जोड़ दिया जाए तो सम्मिलित कंपनी को न्यून लाभ ही हो रहा है. लेकिन सहायक कंपनियों के घाटों को छुपा कर और प्रमुख कंपनी में बढ़े-चढ़े लाभ को दिखाकर सहायक कंपनियों को बैंकों द्वारा ऋण दिलाया जा रहा है.

कुल परिस्थिति इस प्रकार है कि पिता ने घाटे में चलने वाली दुकान को बेटे के नाम कर दिया. फिर पिता की गारंटी पर बेटे ने बैंक से ऋण लिए. बेटे ने अपने ही पिता को दुकान को चलाने का ठेका दे दिया. दुकान घाटे में चलती रही लेकिन पिता को लाभ हुआ क्योंकि उसे ऊंचे दाम पर ठेके मिले. बेटे को घाटा हुआ. लेकिन बैंकों की नजर में वह घाटा नहीं दिखता है क्योंकि ऋण को पिता द्वारा गारंटी दी गई है.

जाहिर है घाटे में चलने वाली ऐसी दुकान ज्यादा दिन नहीं टिकती है जैसा कि आईएलएफएस में हुआ है. ऐसी तमाम कंपनियों का भी किसी न किसी दिन खुलासा हो जाएगा और हमारे बैंकों पर दुबारा विशाल संकट आएगा. अत: सरकार को चाहिए कि समय रहते इस प्रकार की विशाल कंपनियों द्वारा कृत्रिम परत बनाकर बैंकों से ऋण लेने की विस्तृत जांच कराए.
 

Web Title: bharat jhunjhunwala blog: Take measures to overcome the crisis looming on the banking system

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे