ब्लॉग: ऑनलाइन गेम्स के नाम पर फैला है सट्टेबाजी का जाल, सख्त कार्रवाई की जरूरत

By ऋषभ मिश्रा | Published: April 12, 2023 11:25 AM2023-04-12T11:25:39+5:302023-04-12T11:25:39+5:30

देश में कुछ ऐसी विदेशी कंपनियों का जाल फैला हुआ है जो मोबाइल एप्लीकेशन के बहाने ऑनलाइन गेम्स खेलने वालों को सट्टेबाजी करवा रही हैं. ये किसी भी प्रकार का टैक्स भी सरकार को नहीं देती हैं.

Betting network spread in name of online games in India, strict action needed | ब्लॉग: ऑनलाइन गेम्स के नाम पर फैला है सट्टेबाजी का जाल, सख्त कार्रवाई की जरूरत

ऑनलाइन गेम्स के नाम पर फैला है सट्टेबाजी का जाल

देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मिले इनपुट और चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने 232 मोबाइल एप्प को प्रतिबंधित किया है. इसमें 138 ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले और 94 अनधिकृत रूप से ऋण देने वाले एप्प शामिल हैं. ये एप्प कहीं न कहीं भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे थे. साथ ही यह आईटी एक्ट की धारा-69 के तहत एक तरह का अपराध भी है. 

दरअसल देश में सरकारी व्यवस्थाओं की नाक के नीचे काफी लंबे समय से सट्टे का एक ऑनलाइन कारोबार चल रहा है, जिससे हर साल सरकारी खजाने को 3.50 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. देश के रेल, शिक्षा और स्वास्थ्य बजट को जोड़ लें तो भी ये 3.50 लाख करोड़ रुपए से कम बैठता है. देश में ऑनलाइन गेम्स अथवा खेलों के नाम पर सट्टा खिलवाने वाली विदेशी कंपनियां चोरी-छिपे घुस चुकी हैं, और खेल में सट्टेबाजी करवाने वाली विदेशी कंपनियां वेबसाइट और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को ये बता रही हैं कि खेल में सट्टेबाजी वैध है अथवा लीगल है, और ये गेम ऑफ स्किल है जबकि हमारे देश में सट्टा खेलना और खिलवाना गैरकानूनी है.

देश में कोई भी खेल वैध है या अवैध है, ये दो पैमानों पर तय किया जाता है. पहला है, गेम ऑफ स्किल यानी कि ऐसा खेल जिसमें आपका टैलेंट दिखता हो. दूसरा पैमाना है गेम ऑफ चांस यानी कि ऐसा खेल जिसमें आपका टैलेंट नहीं बल्कि आपकी किस्मत खेलती है और आपकी हार और जीत किस्मत पर टिकी होती है. गेम ऑफ स्किल को देश में वैध माना जाता है, और गेम ऑफ चांस को देश में अवैध माना गया है. यानी कि जिस खेल में आपको मेहनत करनी पड़ती है वो खेल वैध है, अब चाहे उसमें आपने दिमाग लगाया हो या फिर शारीरिक मेहनत की हो. ठीक इसी तरह से हर वो खेल अवैध है, जिसमें आपने कुछ नहीं किया, बस आपकी किस्मत पर आपकी जीत या हार तय होती है.

लेकिन देश में कुछ ऐसी विदेशी कंपनियों का जाल फैला हुआ है जो मोबाइल एप्लीकेशन के बहाने ऑनलाइन गेम्स खेलने वालों को सट्टेबाजी करवा रही हैं. जितनी भी भारतीय कंपनियां आपको ऑनलाइन गेम्स खिलवाती हैं, वो अपनी कमाई में से सरकार को कम से कम 18% जीएसटी देती हैं. ये टैक्स भारत सरकार के खाते में जाता है. लेकिन जो विदेशी कंपनियां ऑनलाइन गेम्स के नाम पर सट्टा खिला रही हैं, वो किसी भी प्रकार का टैक्स सरकार को नहीं देती हैं, और ऐसी ज्यादातर कंपनियां उन देशों से ऑपरेट होती हैं, जिन्हें ‘टैक्स हेवन’ कहा जाता है.

Web Title: Betting network spread in name of online games in India, strict action needed

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