अवधेश कुमार का ब्लॉग: विस्फोट की गूंज के पीछे निहित खतरे
By अवधेश कुमार | Updated: February 1, 2021 09:47 IST2021-02-01T09:47:33+5:302021-02-01T09:47:33+5:30
गणतंत्र दिवस के बीटिंग रिट्रीट के समय दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास हुए धमाके ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है. भारत में लंबे समय बाद किसी संदिग्ध आतंकवादी धमाके की गूंज सुनाई पड़ी है.

दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास धमाके की तह तक पहुंचना जरूरी (फाइल फोटो)
भारत में लंबे समय बाद किसी संदिग्ध आतंकवादी धमाके की गूंज सुनाई पड़ी है. हमारे लिए राहत की बात यह है कि इजराइली दूतावास को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई.
भारत के प्रति इजराइल के विश्वास का प्रमाण है कि वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत हमारे दूतावास के सभी कर्मचारियों, यहूदी स्थलों एवं यहूदियों की पूरी तरह रक्षा करेगा.
यहां तक ठीक है. लेकिन हम इसको इस कारण नजरअंदाज नहीं कर सकते कि अत्यंत कम तीव्रता वाला विस्फोट था. फॉरेंसिक टीम को वहां अमोनियम नाइट्रेट मिले हैं. कोल्ड ड्रिंक कैन के टूटे हुए टुकड़े और बॉल बियरिंग भी बरामद हुआ है.
अभी तक की जांच के अनुसार कोल्ड ड्रिंक कैन में विस्फोटक और बॉल बियरिंग को ठूंस दिया गया था. जाहिर है, अगर विस्फोटक थोड़ा ज्यादा परिष्कृत तरीके से तैयार होता और आरडीएक्स का इस्तेमाल होता तो ज्यादा क्षति होती.
सुरक्षा की दृष्टि से यह अत्यंत गंभीर घटना है. राजधानी दिल्ली में, वह भी गणतंत्र दिवस के बीटिंग रिट्रीट के समय और इंडिया गेट से लगभग डेढ़ किमी की दूरी पर विस्फोट का दुस्साहस कई बातें साबित करता है.
यह तो मान सकते हैं कि षड्यंत्रकारियों ने बड़े विस्फोट की योजना बनाई होगी और सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण सफल न होने पर छोटा विस्फोट करने को मजबूर हुए, पर इसमें निहित व्यापक खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि एक कैब ने दो व्यक्तियों को दूतावास के पास छोड़ा था. पुलिस कैब ड्राइवर से मिले इनपुट के आधार पर दोनों व्यक्तियों की तस्वीरें निकाल कर तलाश रही है.
हालांकि अभी यह कहना कठिन है कि विस्फोट में उनकी भूमिका थी या नहीं. इन सबकी जांच रिपोर्ट से विस्तृत जानकारी मिल सकती है. इजराइल के राजदूत को संबोधित एक लिफाफा भी बरामद हुआ है. इसमें ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल सुलेमानी तथा नाभिकीय वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या का जिक्र है.
इसे ट्रेलर कहा गया है. यानी विस्फोट करने वाले ने सीधी धमकी दी है. इस पहलू पर विचार करना सबसे ज्यादा जरूरी है.
हम यह नहीं कहते कि भारत ने आतंकवादी खतरे को कम करने की दिशा में सफलताएं नहीं पाई हैं. बावजूद इसके चुनौतियों के समक्ष हम सबकी सतर्कता, निगरानी और सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं.

