हिंदुस्तान के हीरो बन गए असदुद्दीन ओवैसी?, ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में पाकिस्तान की पोल खोल
By विजय दर्डा | Updated: June 2, 2025 05:12 IST2025-06-02T05:12:57+5:302025-06-02T05:12:57+5:30
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देशों में जाकर जो तेवर अपनाए,

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में पाकिस्तान की पोल खोलने वाले सातों प्रतिनिधिमंडलों ने शानदार काम किया है. शशि थरूर के बारे में सबको अंदाजा था कि वे अमेरिका और अन्य देशों में पाकिस्तान की धज्जियां बिखेरने वाले हैं. उन्होंने यही किया. थरूर की बातों से कोलंबिया इस कदर प्रभावित हुआ कि उसने भारतीय फौज की कार्रवाई के दौरान मारे गए पाकिस्तानियों के प्रति जो अफसोस जाहिर किया था, उसे वापस ले लिया! निश्चय ही पूरा भारत थरूर का मुरीद है, मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देशों में जाकर जो तेवर अपनाए,
उसने ओवैसी को हिंदुस्तान का हीरो बना दिया. भारत में नफरत फैलाने के पाकिस्तानी षड्यंत्र को ओवैसी ने तार-तार कर दिया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब ओवैसी ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई हो. परवेज मुशर्रफ जब वहां के राष्ट्रपति थे तब एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था जिसमें मैं, पंजाब केसरी के प्रबंध संचालक अश्विनी चोपड़ा ‘मिन्ना’ तथा ओवैसी भी शामिल थे.
मैंने और अश्विनी ने तो पाकिस्तान को उसकी धरती पर खूब खरी-खोटी सुनाई ही थी लेकिन ओवैसी ने जो आक्रामक तेवर दिखाया था और जिस तरह से पाकिस्तानी हुकूमत को धोया था, वह कमाल का ही था! ओवैसी के शब्द मुझे अभी भी याद हैं कि भारत में बसने वाले मुसलमानों की चिंता पाकिस्तान न करे!
लेकिन इस बार उन्होंने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया में पाकिस्तान पर तथ्यों सहित प्रहार करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाअध्यक्ष जनरल मुनीर की चर्चा करते हुए उन्हें इडियट्स और जोकर तक कह डाला. कुवैत में ओवैसी ने एक प्रसंग का जिक्र किया जिसमें पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के उपलक्ष्य में रात्रि भोज के दौरान पीएम शहबाज को मुनीर ने एक फोटो भेंट की. फोटो के बारे में बताया गया कि पाकिस्तानी सेना के तोपखाने द्वारा भारत पर हमले की तस्वीर है.
उस तस्वीर में कई मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम एक साथ फायरिंग करते हुए दिखाई दे रहे थे. ओवैसी ने पोल खोला कि वह तस्वीर चीनी सेना ने 2019 में अपने युद्ध अभ्यास के दौरान खींची थी. चीनी सेना पीएलए की वेबसाइट पर यह तस्वीर मौजूद है. ओवैसी ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि नकल के लिए अक्ल चाहिए. इन इडियट्स के पास अकल है ही नहीं तो नकल कैसे कर पाएंगे?
भारत के सात प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की पोल खोलने 33 देशों में गए लेकिन सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ओवैसी ही ट्रेंड कर रहे हैं. उनकी टीम के मुखिया हैं भाजपा सांसद बैजयंत पांडा, उनके अलावा निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह सिंधू, गुलाम नबी आजाद और हर्ष श्रृंगला समिति के सदस्य हैं.
भारत में ओवैसी के तेवर के कारण खूब तारीफ हो रही है तो पाकिस्तान में बहुत ही ज्यादा बेचैनी है. एक तो ओवैसी साफ-साफ कह रहे हैं कि पाकिस्तान इस्लाम की तो बात ही न करे. जितने मुसलमान पाकिस्तान में रहते हैं, उससे ज्यादा भारत में हैं और भारतीय मुसलमान इस्लाम को पाकिस्तानियों से ज्यादा पाक तरीके से समझते हैं और उस पर अमल करते हैं.
भारत का मुसलमान पाकिस्तानी झांसे में आने वाला नहीं है. वे कहते हैं कि हमारे पुरखों ने 1947 में ही पाकिस्तान को दरकिनार कर दिया था. वास्तव में पाकिस्तान सारा उपद्रव धर्म के नाम पर रच रहा है और ऐसे में इस्लाम को मानने वाला हिंदुस्तान का एक बड़ा नेता यदि उसकी खाल खींच रहा है तो बेचैन होना स्वाभाविक है.
अभी पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्या इसीलिए की थी ताकि भारत में धार्मिक उन्माद फैले लेकिन उसका षड्यंत्र नाकाम हो गया क्योंकि हम भारतीय उसकी चाल को समझते हैं. पाकिस्तान की दूसरी बेचैनी यह है कि ओवैसी यह सब उन इस्लामिक देशों में जाकर कह रहे हैं जिन देशों से पाकिस्तान को किसी न किसी रूप में आर्थिक मदद मिलती रही है.
ऐसे में इस्लामिक देशों का नेता बनने का पाकिस्तानी सपना चकनाचूर हो रहा है. ओवैसी ने तथ्यों के साथ उन देशों को बताया कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नाम के जिस पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने हमला किया है, उसके बारे में भारत ने दिसंबर 2023 में ही यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी कौंसिल को बता दिया था कि यह संगठन भारत में गड़बड़ कर सकता है.
ओवैसी सही कह रहे हैं कि पाकिस्तान को जो भी आर्थिक मदद मिलती है, उसका उपयोग वह भारत के खिलाफ आतंकवाद को पुख्ता करने में करता रहा है. अभी पाकिस्तान को जो कर्ज मिला है, उसका इस्तेमाल भी वह आतंकी संगठनों की मदद में कर सकता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि पाकिस्तान को फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में रखा जाना चाहिए.
ओवैसी के इस तीखे तेवर से स्वाभाविक रूप से पाकिस्तान में बेचैनी है और वहां का सोशल मीडिया ओवैसी पर लगातार हमले कर रहा है. लेकिन ओवैसी तो ओवैसी हैं. वे ऐसे हमलों से घबराने वाले नेता नहीं हैं. पूरा हिंदुस्तान उनके साथ खड़ा है!
और अंत में...
मैं अभी इटली और यूएई की यात्रा पर था. वहां काम कर रहे बहुत से पाकिस्तानियों से इस दौरान मेरी बातचीत हुई. सबने यही कहा कि यहां भारतीयों के साथ हम भाई-भाई की तरह रहते हैं. पाकिस्तान की शरारतों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. यह तो हमारी बदकिस्मती है कि हम उनके हाथ में फंसे हुए हैं. उन लोगों से बात करते हुए मैं सोच रहा था कि उपद्रवियों के हाथ से पाकिस्तान को मुक्त कराने का रास्ता क्या है?