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ब्लॉग: आडवाणी को भारत रत्न उनकी उपलब्धियों का सम्मान

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 5, 2024 14:02 IST

भारतीय जनता पार्टी को देश की राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में आडवाणी का सर्वोपरि योगदान है। वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब जनसंघ की स्थापना की थी, तब से लेकर सन्‌ 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे।

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ठळक मुद्देवर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब जनसंघ की स्थापना की सन्‌ 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहेवर्ष 1973 से 1977 तक उन्होंने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का पदभार संभाला

वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को 'भारत रत्न' प्रदान किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा जहां आडवाणी के भाजपा के उत्थान के लिए किए गए काम की तस्दीक है, वहीं देश के विकास के लिए किए गए उनके योगदान का भी सम्मान है। भारतीय जनता पार्टी को देश की राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में आडवाणी का सर्वोपरि योगदान है। वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब जनसंघ की स्थापना की थी, तब से लेकर सन्‌ 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। इसके बाद वर्ष 1973 से 1977 तक उन्होंने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का पदभार संभाला। 

वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक वे पार्टी के महासचिव रहे और इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व संभाला। लालकृष्ण आडवाणी ने ही अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर पार्टी को एक तरह से शून्य से शिखर पर पहुंचाया था। वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा केवल दो सीटें ही जीत सकी थी। इसके बाद पार्टी को अटल-आडवाणी की जोड़ी ने मजबूती दी और 1996 में पार्टी गठबंधन की मदद से पहली बार 13 दिनों के लिए सत्ता में आई। 

फिर, 1998 में 13 महीनों के लिए और 1999 में गठबंधन दलों के साथ मिलकर भाजपा जब पहली बार पांच साल के लिए सत्ता में आ गई तो इसके पीछे आडवाणी की मेहनत और दूरदर्शिता का बहुत बड़ा हाथ था। हाल ही में अयोध्या में रामलला के जिस भव्य मंदिर का उद्‌घाटन किया गया, उसके लिए आंदोलन करने और 1990 में रामरथ यात्रा के सहारे इसे जन-जन तक पहुंचाने में आडवाणी की केंद्रीय भूमिका थी। 

देश के विकास में उनके योगदान के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही लिखा है, "भारत के विकास में हमारे दौर के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक रहे आडवाणी जी का योगदान अविस्मरणीय है।" 

पीएम मोदी ने कहा, "उनका सफर जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का रहा है। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनकी संसदीय यात्रा अनुकरणीय और समृद्ध नजरिये से भरी रही है।" 

पिछले वर्षों में जब आडवाणी को भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में रखा गया तो कई लोगों ने यह कहते हुए इसकी आलोचना की थी कि पार्टी में उनको दरकिनार कर दिया गया है। लेकिन अब उन्हें भारत रत्न प्रदान किए जाने की घोषणा ने आलोचकों को चुप करा दिया है और माना जा रहा है कि उन्हें उनकी उपलब्धियों का उचित सम्मान दिया गया है।

टॅग्स :मोदी सरकारAdvani Kalyan Singh
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