खतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 28, 2025 05:38 IST2025-11-28T05:38:49+5:302025-11-28T05:38:49+5:30

‘द लैंसट काउंटडाउन ऑन हेल्थ ऐंड क्लाइमेट चेंज 2025’ रिपार्ट में वायु प्रदूषण और संबंधित मौतों के लिए जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला और पेट्रोल) को प्रमुख कारण बताया गया है.

delhi ncr When life be free from dangerous smoke Air pollution kill more than 1.7 million people in India in 2022 blog Rohit Kaushik | खतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

सांकेतिक फोटो

Highlightsकोर्ट ने वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए नवंबर-दिसंबर में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं की टालने की बात कही है.रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारत में 17 लाख से अधिक लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई. वायु प्रदूषण कम करने वाले उपायों पर पूरे साल सक्रियता के साथ काम होते रहना चाहिए.

रोहित कौशिक

दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आने वाले कुछ दिनों तक दिल्ली की हवा खराब रहने का अनुमान है. एम्स के चिकित्सकों ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की मौजूदा स्थिति को स्वास्थ्य आपातकाल करार देते हुए चेतावनी जारी की है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर नजर रखने वाले कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट से कहा है कि वह दिल्ली-एनसीआर में खुले में खेल प्रतियोगिताएं रोकने के लिए स्कूलों को निर्देश देने पर विचार करे. कोर्ट ने वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए नवंबर-दिसंबर में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं की टालने की बात कही है.

लैंसट की हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारत में 17 लाख से अधिक लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई. ‘द लैंसट काउंटडाउन ऑन हेल्थ ऐंड क्लाइमेट चेंज 2025’ रिपार्ट में वायु प्रदूषण और संबंधित मौतों के लिए जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला और पेट्रोल) को प्रमुख कारण बताया गया है.

यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों पर प्रकाश डालती है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सूर्य का प्रकाश, पवन और पानी) को बढ़ावा देने की सिफारिश करती है. हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि कई दावों के बावजूद जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता कम नहीं हो रही है.

यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि हर साल अक्तूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर तथा देश के कई भागों में प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है. इस प्रदूषण के लिए किसानों द्वारा पराली जलाने को एक बड़ा कारण माना जाता है लेकिन वास्तविकता यह है कि पराली जलाना इस समस्या का एक कारण है. कुछ लोग और बुद्धिजीवी किसानों द्वारा पराली जलाने की प्रक्रिया को ऐसे प्रचारित करते हैं जैसे इस प्रदूषण का केवल यही एक कारण है. केवल पराली जलाने की प्रक्रिया को ही इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता.

इसके साथ ऐसे अनेक कारण हैं जो उन दिनों प्रदूषण बढ़ाकर हवा की गुणवत्ता खराब करते हैं. वायु प्रदूषण बढ़ने पर सरकारें जरूर सक्रिय होती हैं लेकिन जैसे ही प्रदूषण कम होता है, सरकारें पुनः सो जाती हैं. जबकि वायु प्रदूषण कम करने वाले उपायों पर पूरे साल सक्रियता के साथ काम होते रहना चाहिए.

Web Title: delhi ncr When life be free from dangerous smoke Air pollution kill more than 1.7 million people in India in 2022 blog Rohit Kaushik

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