Buldhana Hospital: बुलढाणा में धार्मिक आयोजन, प्रसाद खाने के बाद सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ी, स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के लिए तय होनी चाहिए जिम्मेदारी

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 23, 2024 01:01 PM2024-02-23T13:01:18+5:302024-02-23T13:02:10+5:30

Buldhana Hospital: सरकार ने देश की ग्रामीण आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार के लिए कई पहलों की शुरुआत की है. लेकिन जब-जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का अनुभव होता ही है.

Buldhana Hospital Religious event health hundreds of people deteriorated after eating Prasad responsibility should be fixed for lack of health services | Buldhana Hospital: बुलढाणा में धार्मिक आयोजन, प्रसाद खाने के बाद सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ी, स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के लिए तय होनी चाहिए जिम्मेदारी

सांकेतिक फोटो

Highlightsसंविदा पर स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती कर उनकी संख्या बढ़ाई गई है. सरकारी अस्पतालों में दस हजार से अधिक रोगियों पर एक चिकित्सक की सेवा उपलब्ध है. ‘इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के अनुसार भारत को वर्ष 2030 तक 20 लाख चिकित्सकों की आवश्यकता होगी.

Buldhana Hospital:महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक धार्मिक आयोजन में प्रसाद खाने के बाद सैकड़ों लोगों की तबीयत बिगड़ गई. लोगों की हालत बिगड़ते ही सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अस्पताल में मरीजों के लिए जगह कम पड़ गई और जहां जगह मिली, वहीं मरीज को लिटाकर इलाज किया गया. खबर है कि इस घटना में 300 से ज्यादा लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए. सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई. यह सही है कि कोविड महामारी के बाद देश की स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ी है. आइसीयू बेड बढ़ गए हैं. सरकारी अस्पतालों में अब बड़ी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं. संविदा पर स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती कर उनकी संख्या बढ़ाई गई है. सरकार ने देश की ग्रामीण आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार के लिए कई पहलों की शुरुआत की है. लेकिन जब-जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का अनुभव होता ही है.

भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली जटिल और बहुआयामी है. यहां सरकारी और निजी दोनों ही सुविधाएं देश की 140 करोड़ से अधिक आबादी को चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं. हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रही है जिसमें धन की कमी, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और अपर्याप्त आधारभूत संरचना शामिल है.

देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना चाहिए और इसके लिए बजट में और अधिक प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि नागरिकों की अच्छी स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित हो सके. देश में अभी भी अस्पतालों की कमी है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और कई मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी उपकरणों एवं संसाधनों की कमी है.

सबसे बड़ी चिंता है चिकित्सक-रोगी अनुपात का बड़ा अंतर. ‘इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के अनुसार भारत को वर्ष 2030 तक 20 लाख चिकित्सकों की आवश्यकता होगी. एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में दस हजार से अधिक रोगियों पर एक चिकित्सक की सेवा उपलब्ध है.

जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुशंसा से बहुत कम है. बड़े पैमाने पर विषबाधा और उसके बाद होने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए चिंता का विषय है. इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी सतर्कता बरती जानी चाहिए.

Web Title: Buldhana Hospital Religious event health hundreds of people deteriorated after eating Prasad responsibility should be fixed for lack of health services

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