ब्लॉग: ठगों के हाईटेक गिरोहों से सावधान रहने की जरूरत
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 26, 2023 11:12 IST2023-08-26T10:47:24+5:302023-08-26T11:12:13+5:30
बता दें कि नोएडा में जिस फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया है उसके कर्मचारियों के पास चार लाख से अधिक नागरिकों का डाटा मिला है जिसे जालसाजों ने डार्क वेब से हासिल किया था।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: नोएडा में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर के जिस भारी-भरकम सेटअप का भंडाफोड़ हुआ है, वह हैरान करने वाला है. ठगी कितने बड़े पैमाने पर की जा रही थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस आरोप में 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरोह के सरगना योगेश पुजारी और हर्षित चौधरी मौके से फरार होने में कामयाब रहे.
कर्मचारियों को पता था कि वे फर्जीवाड़ा कर रहे है
पकड़े गए लोगों में 46 पुरुष और 38 महिलाओं का समावेश है. ऐसा भी नहीं है कि वहां काम कर रहे इन लोगों को पता नहीं था कि वे धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का हिस्सा हैं. लेकिन महज 15 से 30 हजार रुपए के वेतन पर वे वहां काम करने को राजी थे.
यही नहीं बल्कि ज्यादा बोनस पाने के लालच में वे अधिक से अधिक विदेशी नागरिकों को फंसाने की होड़ में लगे रहते थे. ऐसा नहीं है कि यह फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर कोई अपवाद था, बल्कि आशंका है कि ठगी के इस तरह के अनगिनत गिरोह देश में चल रहे हैं जहां देशी-विदेशी नागरिकों को ठगने का गोरखधंधा चल रहा है.
इस तरह की ठगी से बचने की भी दी जाती है सलाह
हालांकि सरकार की तरफ से लोगों को ठगों के हथकंडों के बारे में आगाह किया जाता है और उनसे सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, फिर भी कई लोग इन गिरोहों के जाल में फंस ही जाते हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ कम शिक्षित नागरिक ही ऐसे ठगों के जाल में फंसते हैं. विदेशी नागरिकों के भी ठगे जाने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नए जमाने के ठग किस तरह ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं.
नोएडा के फर्जी कॉल सेंटर से मिली चार लाख लोगों का डेटा
नोएडा में जिस फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया है, उसके कर्मचारियों के पास चार लाख से अधिक नागरिकों का डाटा मिला है, जिसे जालसाजों ने डार्क वेब से हासिल किया था. अभी एक हफ्ते पहले भी पुलिस ने गुरुग्राम से ग्राहक सेवा के नाम पर विदेशियों से ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था और एक महिला सहित दस आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
इस तरह के फर्जीवाड़े के कुछ और मामले
करीब दो हफ्ते पहले मुंबई में भी एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर करीब दर्जन भर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जहां विदेश जाने की चाहत रखने वालों के साथ धोखाधड़ी की जाती थी. इसी साल जून माह में जयपुर में विभिन्न फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारकर विदेशियों से ठगी करने वाले 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. ठगी की ऐसी घटनाओं की एक लंबी श्रृंखला है.
अत्याधुनिक तकनीक हमारे लिए मुसिबत भी बन रहे है
अत्याधुनिक तकनीक ने जहां हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं इस तकनीक का दुरुपयोग करने वाले हमारी राह में जोखिम भी लगातार बढ़ा रहे हैं. इसलिए ऐसे ठगों से बहुत संभल कर रहने की जरूरत है.
पुलिस तो जानकारी मिलने पर ऐसे गिरोहों पर कार्रवाई करती ही है, नागरिकों को भी अपने स्तर पर सतर्क रहना चाहिए और किसी भी तरह के लालच या कार्रवाई के भय के दबाव में आए बिना ऐसे मामलों की जानकारी शासन-प्रशासन को देनी चाहिए ताकि ऐसे समाज विरोधी तत्वों पर अधिकाधिक कार्रवाई की जा सके.