किरण चोपड़ा का ब्लॉग: शादी-ब्याह के शगुन के मौके पर लूटपाट के ‘अपशकुन’
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 17, 2025 14:33 IST2025-03-17T14:33:01+5:302025-03-17T14:33:01+5:30
पुलिस के रिकार्डों में इनकी लूटपाट के तरीके एफआईआर के रूप में दर्ज हैं और रिकार्ड बताते हैं कि पूरे भारत में इस बैंड-बाजा-बारात के सदस्य सक्रिय हैं.

किरण चोपड़ा का ब्लॉग: शादी-ब्याह के शगुन के मौके पर लूटपाट के ‘अपशकुन’
लेखक - किरण चोपड़ा
आजकल कम्प्यूटर युग में डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, बैंक खातों से मनी ट्रांसफर और एप बनाकर लूटपाट के मामले बहुत बढ़ रहे हैं लेकिन शादियों जैसे शगुन के मौके पर भी लुटेरे खुशी को गम में बदलते हुए कुछ ही समय में लाखों रुपए लूट कर दूल्हा-दुल्हन वालों के यहां ज्वेलरी और महंगे सामान से भरी अटैची व सामान लेकर फरार हो जाते हैं. पुलिस ने इसे नाम दिया है-बैंड-बाजा-बारात गैंग.
पुलिस के रिकार्डों में इनकी लूटपाट के तरीके एफआईआर के रूप में दर्ज हैं और रिकार्ड बताते हैं कि पूरे भारत में इस बैंड-बाजा-बारात के सदस्य सक्रिय हैं. पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में 8 अगस्त 2024 से लेकर 25 फरवरी 2025 तक अलग-अलग घटनाओं में एक करोड़ से ज्यादा के माल पर, चाहे वह कैश, ज्वेलरी या महंगे कपड़े क्यों न हों, इस बैंड-बाजा-बारात गैंग ने अपने हाथ साफ किए हैं.
किसी भी शादी या रिसेप्शन के मौके पर गिरोह के सदस्यों के दो या तीन सुंदर लड़के और दो या तीन संभ्रांत महिलाएं वर या वधू पक्ष के यहां जुड़कर मुस्कुराते हुए बातें करने लगते हैं. पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि जब स्टेज पर फोटो खिंचवाने का वक्त आता है या मिलनी के वक्त शगुन चल रहा होता है या रिंग सेरेमनी के मौके पर दोनों पक्ष पूजा के मंच पर व्यस्त हो जाते हैं तो इस गैंग के सदस्य भी अपनी कारीगरी में जुट जाते हैं.
सुंदर-स्मार्ट संभ्रांत महिलाएं, पुरुष और बच्चे सबसे ज्यादा गंभीरता से अपने टारगेट पर निगाह रखते हैं. शगुन के इस खास मौके पर ये लोग कैश, नगदी और कीमती सामान के बैग अपने पास रखने वाले लोगों से मुस्कराकर बातें करते हुए उनकी मदद में हाथ बंटाते हैं. दोनों पक्ष यह सोच रहे होते हैं कि यह हमारे शुभचिंतक हैं.
लड़की वाले सोचते हैं कि लड़के वालों के यह रिश्तेदार बहुत अच्छे हैं जबकि लड़के वाले इन लोगों को लड़की वालों के रिश्तेदार समझकर इन पर भरोसा करते हुए अपना सामान व्यस्त रहने की वजह से संभालने को भी कह देते हैं. पंडित पूजा में व्यस्त होता है और दोनों पक्षों की पूजा या फिर मिलन कार्यक्रम चल रहा होता है. यह बैंड-बाजा-बारात गैंग के लिए सामान पर हाथ साफ कर देने का एक शानदार अवसर होता है.
पिछले दिनों पंजाब के एक शहर में ऐसे ही लुटेरों को लोगों ने कीमती सामान से भरा बैग अपने साथ ले जाते देखा तो सतर्क लोगों ने शादी स्थल के गेट पर ही धरदबोचा. इन लोगों की खूब पिटाई हुई तो इनके लूटपाट का अंदाज सामने आ गया. मैं आप लोगों के सामने कोई कहानी नहीं कह रही बल्कि पुलिस रिकार्ड में दर्ज एफआईआर और सोशल मीडिया पर लोगों की कहानियों के आधार पर असलियत बता रही हूं जिसमें पीड़ित पक्षों ने यह भावनाएं व्यक्त की हैं.
मेरी इस मामले में एक ही सलाह है कि अगर वधू या वर पक्ष के यहां कोई भी अनजान लोग घुसने की कोशिश करते हैं तो दोनों पक्षों के सदस्यों का फर्ज बनता है कि वह अलर्ट हो जाएं. आज के जमाने में सुरक्षा ही सबसे बड़ी सावधानी है. जब पता है कि किसी भी शादी, रिंग सेरेमनी और रिसेप्शन या शगुन के मौके पर ज्यादा मेहमान आ रहे हैं तो मेजबान लोगों को अपने मेहमानों पर प्रेमपूर्वक लेकिन सतर्कता से नजर रखनी होगी. तभी आप शगुन के मौके पर लूटपाट जैसे अपशकुन से बच सकते हैं.