वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: टीम इंडिया की अविस्मरणीय जीत
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: December 31, 2020 01:34 PM2020-12-31T13:34:35+5:302020-12-31T14:01:17+5:30
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट मैच में 8 विकेट से मात देकर 4 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है...
टीम इंडिया ने मेलबर्न के पसंदीदा मैदान पर स्मरणीय जीत दर्ज की. भारतीय टीम ने जीत दर्ज करते हुए साबित कर दिया कि वह एडिलेड में शर्मनाक पराजय से उबर चुकी है. इसका श्रेय जाता है कोच रवि शास्त्री तथा सपोर्टिंग स्टाफ को. 36 रन पर ढेर हो जाने के बावजूद उन्होंने खिलाडि़यों को हौसले बनाए रखे. मेलबर्न टेस्ट में टॉस हार जाने के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने मेजबानों की पारी 195 पर समेटकर जीत की दिशा में पहला कदम बढ़ाया.
कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने गेंदबाजों का कुशलता से इस्तेमाल किया और अपारंपारिक फील्ड सजाई जिसका लाभा हुआ. इसका बेहतरीन उदाहरण मार्नस लाबुशेन का विकेट रहा जो सिराज की गेंद पर लेग गली में लपके गए. एक बार फिर साबित हुआ है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की बल्लेबाजी स्टीव स्मिथ पर निर्भर है. पहले टेस्ट में स्मिथ को बांधे रखने में सफल रहे अश्विन ने उन्हें मेलबर्न में भी मौका नहीं दिया. उपखंड से बाहर अश्विन का यह प्रदर्शन लाजवाब है.
पदार्पण टेस्ट खेल रहे शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज ने प्रभावित किया. वे दबावमुक्त खेले. सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज विराट कोहली तथा सर्वाधिक अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में भारत का प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा. इससे भारत के बेंच स्ट्रेंथ की मजबूती दिखती है. ईशांत शर्मा और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में भी टीम पंगु नहीं लगी.
मयंक अग्रवाल और चेतेश्वर पुजारा हालांकि बड़ी पारियां नहीं खेल सके. यह निराशाजनक रहा लेकिन रहाणे ने अपने दमदार प्रदर्शन से दोनों बल्लेबाजो की विफलता का प्रभाव नहीं पड़ने दिया. 2014 में लॉर्ड्स की तरह ही रहाणे ने मेलबोर्न में जीत की नींव रखी. पंत तथा जडेजा के साथ उपयुक्त साझेदारियां बनाकर रहाणे ने भारत को तीन सौ के पार पहुंचाया.
ऑस्ट्रेलिया का दूसरी पारी का नजरिया देख मुझे हैरत हुई. उमेश यादव के चोटिल हो जाने के बाद भारतीय टीम चार गेंदबाजों के साथ खेल रही थी. फिर भी कभी चार रन प्रतिओवर की औसत से रन बनानेवाली ऑस्ट्रेलियाई टीम इससे आधे औसत से रन बना रही थी. इसका श्रेय जाता है भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को. उमेश यादव की कमी किसी भी गेंदबाज ने महसूस नहीं होने दी. भारतीय टीम को इस जीत का जश्न मनाना ही होगा और ऊंचे मनोबल के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बरकार रखने का ख्वाब देखना होगा (गेमप्लान).