वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: टीम इंडिया के बहादुर सिपाही की तरह खेले ईशांत, उनकी लेंथ में कहीं कोई खामी नहीं
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: November 25, 2019 10:17 AM2019-11-25T10:17:11+5:302019-11-25T10:17:11+5:30
ईशांत शर्मा कई वर्षों से एक बहादुर सिपाही की तरह है और पिछले तीन वर्षों में उन्हें गेंदबाजी करते देखना अच्छा लग रहा है।
भारत में गुलाबी गेंद से खेले गए पहले दिन-रात्रि के टेस्ट मैच से मैं काफी रोमांचित हूं। ईडन गार्डन्स में पचास हजार दर्शकों की भीड़ ने मुकाबले के दौरान जबर्दस्त माहौल बनाए रखा। इस माहौल ने मुझे उन दिनों की याद दिलाई जब मैं खेलता था और दर्शकों की भीड़ से हमें ऊर्जा मिलती थी, खास कर तब जब हम कठिन स्थिति से गुजर रहे होते थे।
यह बात और है कि विराट कोहली की कमान में भारतीय टीम को मैदान में कड़ा इम्तीहान देकर अरसा बीत चुका है। इस महान खेल की दिग्गज हस्तियों को बीसीसीआई तथा सीएबी (कैब) की ओर से सम्मानित किया जाना शानदार अहसास तो था ही, लेकिन अन्य खेलों के चैंपियनों को सम्मानित होते देखना भी काफी सुखद रहा।
पहले दिन जो भी समारोह आयोजित किए गए थे उसके पीछे थे सौरव गांगुली और बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल की यह उत्साहवर्धक शुरुआत कही जा सकती है। मैदान में भारत चैंपियन की तरह खेला जो कि वह है और दिल्ली के दो खिलाड़ियों ने सामूहिक प्रदर्शन कर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ईशांत शर्मा कई वर्षों से एक बहादुर सिपाही की तरह है और पिछले तीन वर्षों में उन्हें गेंदबाजी करते देखना अच्छा लग रहा है। दोनों मुकाबलों की पहली पारी में उनकी लेंथ में कहीं कोई खामी नहीं थी, जबकि पहले मैच में उन्होंने प्राकृतिक रोशनी में और दूसरे मैच में दुधिया रोशनी में गेंदबाजी की। उन्होंने स्विंग हासिल करने के लिए गेंद को सामने पिच किया विकेटकीपर की व्यस्तता बढ़ गई।
हालात चुनौतीपूर्ण थे और भारतीय तेज गेंदबाजी पूरे शबाब पर थी, लेकिन मुशफिकुर रहीम को छोड़ दिया जाए तो अन्य किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज ने अपने विकेट की कीमत नहीं जानी। बांग्लादेशी बल्लेबाज अब लौटकर विराट के जादुई पारियों का संकलन देख सकते हैं, जिससे वह एक और टेस्ट शतक जमाने में सफल रहे।
मैं तो विराट के कदमों की गति से अभिभूत हूं। विराट जब कवर ड्राइव लगाने के लिए जब पांवे काफी लंबा बढ़ाते हैं तो वह देखना दर्शनीय है। गुलाबी गेंद के 'आचरण' से वाकिफ नहीं होने की वजह से विराट ने टेस्ट मैच शुरू होने से पहले बल्लेबाजी में एकाग्रता की जरुरत प्रतिपादित की थी। अपने शब्दों को उन्होंने सच साबित कर दिया और चेतेश्वर पुजारा तथा अजिंक्य रहाणे ने उन्हें बेहतरीन साथ दी। ठीक वैसे ही मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने ईशांत शर्मा का साथ दिया।