अयाज मेमन का कॉलम: नहीं करना चाहिए था धोनी को ऐसा बर्ताव, क्योंकि जूनियर खिलाड़ी उनको करते हैं फॉलो
By अयाज मेमन | Updated: April 13, 2019 16:14 IST2019-04-13T16:14:19+5:302019-04-13T16:14:19+5:30
बेशक, इस मामले में अंपायरों की भी गलती है, लेकिन इसका मतलब यही कतई नहीं होता कि कोई खिलाड़ी सीधे मैदान पर उतर जाए।

अयाज मेमन का कॉलम: नहीं करना चाहिए था धोनी को ऐसा बर्ताव, क्योंकि जूनियर खिलाड़ी उनको करते हैं फॉलो
आईपीएल में हाल के कुछ मुकाबले बेहद रोमांचक रहे। वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई और पंजाब के मैच में रोमांच उफान पर था। पंजाब के 197 रन का पीछा करते वक्त मुंबई के समर्थकों की हालत देखने लायक थी। अंत में कार्यवाहक कप्तान पोलार्ड ने धमाकेदार अंदाज में खेलकर मुंबई को जीत दिलाई।
इसके दूसरे दिन जयपुर में राजस्थान और चेन्नई के बीच का मुकाबला भी रोमांचक रहा। चेन्नई ने अंतिम गेंद पर जीत दर्ज की। हालांकि लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन टॉप ऑर्डर के फ्लॉप रहने से चेन्नई के लिए लक्ष्य मुश्किल हो गया था। हालांकि इस मुकाबले को अंतिम ओवर में हुए नाटकीय घटनाक्रम के कारण याद किया जाएगा।
अंतिम ओवर बेन स्टोक्स ने फेंका। उनके ओवर की पहली गेंद पर रवींद्र जडेजा ने छक्का उछाला। इसके बाद स्टोक्स ने खतरनाक ढंग से फुलटॉस फेंकी जिस पर मुख्य अंपायर ने उसे नो बॉल करार दिया, लेकिन तुरंत बाद लेग अंपायर ने उसे रद्द ठहराया।
इसे देखकर 'कैप्टन कूल' का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने सीधे मैदान पर कदम रखते हुए अंपायरों के साथ अशोभनीय बर्ताव किया। धोनी से इस तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लिहाजा हर कोई उनके व्यवहार से हतप्रभ था। इस तरह के व्यवहार के कारण उनकी खूब आलोचना भी हो रही है।
बेशक, इस मामले में अंपायरों की भी गलती है, लेकिन इसका मतलब यही कतई नहीं होता कि कोई खिलाड़ी सीधे मैदान पर उतर जाए। शायद गुस्सा शांत होने के बाद धोनी खुद भी अपने आचरण से नाराज हुए होंगे। वह केवल चेन्नई सुपर किंग्स कप्तान ही नहीं है तो वह क्रिकेट के दूत भी हैं। उन्हें जूनियर खिलाड़ी भी फॉलो करते हैं।
अब बात करते हैं- मुंबई-पंजाब मुकाबले की। मुंबई के खिलाफ पंजाब के लिए केएल राहुल ने बजोड़ शतक ठोककर विश्व कप टीम में अपनी दावेदारी मजबूत कर दी। साथ ही उन्हें क्रिस गेल का भी साथ प्राप्त हुआ। इन दोनों ने मिलकर पंजाब को 197 के स्कोर तक पहुंचाया। मुंबई के सामने 198 रन का कठिन लक्ष्य था।
इसकी खास वजह कप्तान रोहित शर्मा का चोटिल होकर टीम से बाहर रहना। ऐसे में उनकी जगह टीम की बागडोर संभाल रहे कार्यवाहक कप्तान कीरोन पोलार्ड पर आ गई। पिछले सत्र में विफल होने के कारण उनके प्रदर्शन को लेकर संदेह जताया जा रहा था, लेकिन पंजाब के खिलाफ उन्होंने धमाकेदार 83 रन की पारी खेलकर मंबई को असंभव जीत दिलाकर तमाम आशंकाओं को निरस्त किया। इस सत्र में उनकी यह सबसे शानदार पारी रही।