अयाज मेमन का कॉलम: कोरोना लाएगा क्रिकेट कैलेंडर में बदलाव
By अयाज मेमन | Published: April 25, 2020 07:05 AM2020-04-25T07:05:10+5:302020-04-25T07:08:35+5:30
कोविड-19 महामारी ने पूरे क्रिकेट जगत का कैलेंडर ही बिगाड़ दिया है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के आयोजन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है
शुक्रवार (24 अप्रैल) को सचिन का 47 वां जन्मदिवस मनाया गया. मुझे अच्छी तरह याद है सचिन से 31 साल पूर्व की पहली मुलाकात. उनकी उम्र महज 16 साल थी. घरेलू क्रिकेट में वह पहला सीजन खेल चुके थे. रणजी, दुलीप और ईरानी ट्रॉफी में आगाज के साथ शतक लगाने का कारनामा वह कर चुके थे.
मरीन ड्राइव स्थित हिंदू जिमखाना पर सचिन से वह मुलाकात आज भी अच्छी तरह याद है. अभिनेता टॉम वॉल्टर समेत सचिन से मुलाकात लेने का मौका था. उस समय विंडीज दौरे के लिए सचिन को भारतीय टीम में शामिल करने की जोरदार मांग हो रही थी. हालांकि वैसा नहीं हो पाया. भारतीय टीम की कमान दिलीप वेंगसरकर संभाल रहे थे.
अच्छे फॉर्म के बावजूद चयन न होने के बारे में राजसिंह डूंगरपुर ने खुलासा किया था. उनका कहना था कि विंडीज के पास जबर्दस्त तेज गेंदबाज थे और इससे सचिन के चोटिल होने का खतरा था जो उनके करियर के लिए नुकसानदायक हो सकता था. लेकिन जो हुआ वह अच्छा ही रहा और सचिन के आगमन के साथ क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय लिखा गया.
अब बात करते हैं गुरुवार को आयोजित आईसीसी मुख्य कार्यकारियों (सीईसी) की बैठक की. बैठक विडीओ कॉन्फ्रेंस के जरिए कराई गई. कोविड-19 महामारी ने पूरे क्रिकेट जगत का कैलेंडर ही बिगाड़ दिया है. बैठक में सबसे अहम विषय टी-20 विश्वकप के आयोजन को लेकर था. अक्तूबर में इसके आयोजन आशंक जताई गई. संभव है इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है. साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के आयोजन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है. पहले यह वैश्विक टेस्ट चैंपियनशिप वर्ष 2021 में संपन्न होनी थी.
मुकाबलों के अलावा कोरोना से उपजी परिस्थितियों से क्रिकेट में कुछ बातें बदल सकती हैं. जैसे, गेंद को चमकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लार के विकल्पों पर भी चर्चा हो रही है. ये सभी बातें बड़ी सामान्य लग सकती हैं लेकिन इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती. गेंद चमकाने के लिए लार का विकल्प मिल भी जाएगा लेकिन खेल के दौरान आने वाले पसीने से कैसे बचा जा सकेगा.
एक अकेले विकेटकीपर ही ग्लव्ज के साथ खेलते हैं. शेष खिलाड़ी गेंद आपस में एक-दूसरे की ओर फेंकते रहते हैं. ऐसे में संक्रमन कैसे रोका जा सकेगा? हाल की स्थितियों को देखते हुए बिना दर्शकों के मैच खेलने का प्रस्ताव सामने आया है लेकिन क्या यह संभव है? लिहाजा, इसका स्थाई इलाज एक ही है- कोरोना के खिलाफ जंग में सफलता. अर्थात इसके खिलाफ कारगर दवाई का होना लाजिमी है.