US Tariffs: नए टैरिफ के बाद भारत के नए वैश्विक व्यापार समीकरण?, भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ की मार का मुकाबला
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: April 4, 2025 05:13 IST2025-04-04T05:13:18+5:302025-04-04T05:13:18+5:30
US Tariffs: नीति आयोग ने भारत की वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) में 3.3 फीसदी की वर्तमान हिस्सेदारी को तेजी से बढ़ाने के लिए 13 प्रमुख सेक्टरों में सरकार से नीतिगत मदद की जरूरत रेखांकित की है.

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US Tariffs: दो अप्रैल को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ की मार का मुकाबला करने और वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारत नए वैश्विक व्यापार समीकरणों के साथ आगे बढ़ रहा है. जहां एक ओर सरकार तेजी से मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, वहीं हाल ही में नीति आयोग ने भारत की वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) में 3.3 फीसदी की वर्तमान हिस्सेदारी को तेजी से बढ़ाने के लिए 13 प्रमुख सेक्टरों में सरकार से नीतिगत मदद की जरूरत रेखांकित की है.
इनमें मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, ऑटोमोटिव, सुरक्षा व ड्रोन, टेक्सटाइल, सोलर पीवी, कैपिटल गुड्स, स्टील, फूड प्रोसेसिंग, लेदर व फुटवियर, फार्मास्युटिकल्स, टेलीकाॅम उपकरण और एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग शामिल हैं. गौरतलब है कि भारत की नई वैश्विक व्यापार रणनीति के तहत तीन महत्वपूर्ण बातें उभरकर दिखाई दे रही हैं.
एक, अब लम्बे समय तक व्यापार वार्ता चलाने के बजाय वार्ता शीघ्र पूरी की जाए. दो, व्यापार वार्ता के तहत मुख्य कारोबारी मुद्दों जैसे शुल्क, गैर शुल्क बाधाओं पर शुरुआत में ही प्राथमिकता के साथ विचार मंथन किया जाए. तीन, व्यापार वार्ता में भारत के लिए सिरमौर बने हुए सेवा निर्यात (सर्विस एक्सपोर्ट) को विशेष रूप से शामिल कराने पर ध्यान दिया जाए.
इसमें कोई दो मत नहीं कि अमेरिका की टैरिफ लगाए जाने की योजना का भारत पर कोई ज्यादा असर नहीं होगा. विभिन्न नई शोध अध्ययन रिपोर्टों में यह बताया गया है कि ट्रम्प की टैरिफ योजना से भारत के कुल निर्यात में महज 3 से 3.5 फीसदी गिरावट आ सकती है. निर्यात की इस कमी को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों से अधिक निर्यात के माध्यम से सरलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा.
यह बात भी महत्वपूर्ण है कि इस समय भारत की दुनिया में सबसे अधिक 6.5 से 7 फीसदी विकास दर और सर्विस एक्सपोर्ट की वैश्विक राजधानी का तमगा हासिल करते हुए मजबूत घरेलू बाजार और रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन की ताकत के मद्देनजर दुनिया के कई विकसित और विकासशील देश भारत के साथ द्विपक्षीय और मुक्त व्यापार समझौतों के लिए तत्परता दिखा रहे हैं.
हम उम्मीद करें कि अमेरिका के द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने की नई चुनौती के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौतों और नए मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ता के दौरान शुरुआत से ही शुल्क, गैरशुल्क बाधाओं पर प्राथमिकता के साथ बातचीत करने और द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं को शीघ्रता से अंतिम रूप देने की नई रणनीति के अच्छे परिणाम बहुत जल्द सामने आते जाएंगे और वैश्विक वैल्यू चेन में भी भारत की हिस्सेदारी बढ़ते हुए दिखाई देगी.