प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का प्रथम सम्पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया. उनकी ओर से प्रस्तुत यह बजट एक मौलिक सोच एवं दृष्टि से दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आर्थिक विकास के लिए आगे की राह दिखाने वाला है.
इस बजट में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, नौकरीपेशा को थोड़ी राहत, बुनियादी ढांचे में निवेश, पर्यटन को बढ़ावा, आदिवासी उन्नयन, क्षमता विस्तार, हरित एवं कृषि विकास, महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी, मोदी के नए भारत-सशक्त भारत-विकसित पर बल दिया गया है.
सशक्त एवं विकसित भारत निर्मित करने, उसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने और अर्थव्यवस्था को तीव्र गति देने की दृष्टि से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये प्रशंसा पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है.
राजनीतिक हितों से ज्यादा देशहित को सामने रखने की यह पहल प्रेरक है. अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है, जो इस बजट से पूर्ण होता हुआ दिखाई देता है. भारत की अर्थव्यवस्था को तीव्र गति देने की दृष्टि से यह बजट कारगर साबित होगा, जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे, उत्पाद एवं विकास को तीव्र गति मिलेगी.
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन इन सब स्थितियों के बावजूद इस बजट के प्रावधान देश को स्थिरता की तरफ ले जाते दिखाई पड़ रहे हैं. इस बार बजट ने अर्थव्यवस्था में नई परम्परा के साथ राहत की सांसें दी हैं तो नया-भारत, सशक्त-भारत, विकसित-भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त किया है.
इस बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, रेलों का विकास, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ किसानों, आदिवासियों, गांवों और गरीबों को ज्यादा तवज्जो दी गई है. सच्चाई यही है कि जब तक जमीनी विकास नहीं होगा, तब तक आर्थिक विकास की गति सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी. इस बार के बजट से हर किसी ने काफी उम्मीदें लगा रखी थीं और उन उम्मीदों पर यह बजट खरा उतरा है.
इस बजट को नया भारत निर्मित करने की दिशा में लोक-कल्याणकारी बजट कह सकते हैं. यह बजट वित्तीय अनुशासन स्थापित करने की दिशाओं को भी उद्घाटित करता है.
आम बजट न केवल आम आदमी के सपने को साकार करने, आमजन की आकांक्षाओं को आकार देने और देशवासियों की आशाओं को पूर्ण करने वाला है बल्कि यह देश को समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण एवं दूरगामी सोच से जुड़ा कदम है.
बजट के सभी प्रावधानों एवं प्रस्तावों में जहां ‘हर हाथ को काम’ का संकल्प साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है.