जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीद बढ़ाती शेयर बाजार की नई रिकॉर्ड ऊंचाई

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: January 6, 2021 12:25 PM2021-01-06T12:25:58+5:302021-01-06T12:35:41+5:30

कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. इस बीच हाल में जिस तरह से शेयर बाजार ने प्रतिक्रिया दी है, वो देश के लिए शुभ संकेत है. हालांकि, अब भी भारत के शेयर बाजार के विकास की गति अन्य देशों के मुकाबले धीमी है.

Jayantilal Bhandari's blog: Share Market creating hope for economy boost | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीद बढ़ाती शेयर बाजार की नई रिकॉर्ड ऊंचाई

शेयर बाजार में रौनक से बढ़ती उम्मीदें (फाइल फोटो)

Highlightsशेयर बाजार में लगातार तेजी देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ संकेत दुनियाभर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों को देखें तो भारतीय शेयर बाजार बहुत अच्छी स्थिति मेंलघु एवं मझोले उद्यमों में अब कोविड-19 महामारी के बाद एनपीए का जोखिम भी कम हो रहा है

नए वर्ष 2021 में देश के शेयर बाजार द्वारा नई ऊंचाइयां छूने का परिदृश्य देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है. यह कोई छोटी बात नहीं है कि कोरोना वायरस के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का जो सेंसेक्स 23 मार्च 2020 को 25981 अंकों पर आ गया था, वह लगातार बढ़ते हुए नए वर्ष 2021 में 4 जनवरी को 48176 अंकों के पार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. 

यदि हम वर्ष 2021 की शुरु आत में दुनियाभर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों की तस्वीर को देखें तो हमें भारतीय शेयर बाजार की स्थिति शानदार दिखाई देती है. नए वर्ष 2021 में शेयर बाजार के तेजी से आगे बढ़ने की संभावनाओं के कई कारण चमकते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

भारत ने कोरोना वायरस के दो टीकों को मंजूरी दे दी है. भारत के द्वारा कोविड-19 का रणनीतिपूर्वक सफल मुकाबला किए जाने से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. ब्रेक्जिट समझौते और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार से आर्थिक सकारात्मकता आई है. 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा प्रोत्साहन के लिए 900 अरब डॉलर जारी करने के विधेयक पर हस्ताक्षर करने से निवेशकों की धारणा को बल मिला है.

इन महत्वपूर्ण कारणों के साथ-साथ शेयर बाजार में निवेश पर बढ़ते रिटर्न के कारण लोगों का रुझान शेयर बाजार में बढ़ा है. म्यूचुअल फंड में निवेश भी तेजी से बढ़े हैं. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के संकट में कमी आई है. 

एनपीए का जोखिम हो रहा है कम

लघु एवं मझोले उद्यमों में कोविड-19 महामारी के बाद एनपीए का जोखिम कम हुआ है. कंपनियों की लागत में कमी और उत्पादकता में सुधार हुआ है. पिछले एक साल के दौरान छोटे शहरों से निवेशकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 

भारत में वर्ष 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के योगदान ने नया रिकॉर्ड बनाया है, इससे वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों में एफपीआई निवेश के लिहाज से भारत का स्थान शीर्ष पर रहा है.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोविड-19 की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वर्ष 2020 में एक के बाद एक कुल 29.87 लाख करोड़ की राहतों के ऐलान किए. कोरोना काल में सरकार को उन सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर मिला है, जो दशकों से लंबित थे. 

खासतौर से कोयला, कृषि, नागरिक विमानन, श्रम, रक्षा और विदेशी निवेश जैसे क्षेत्नों में किए गए जोरदार सुधारों से अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है. चाहे कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी रहीं, लेकिन भारत की आर्थिक संभावनाओं के लिए एक के बाद एक जो वैश्विक सर्वेक्षण प्रकाशित हुए, उनसे भी भारतीय शेयर बाजार को बढ़त मिली.

भारत को और तेज गति की जरूरत

यद्यपि भारत में शेयर बाजार कोविड-19 के बीच भी तेजी से बढ़ा है, फिर भी अन्य कई देशों की तुलना में भारत के शेयर बाजार के विकास की गति धीमी है. जहां भारत के करीब 3.3 प्रतिशत लोग ही शेयर बाजार से सम्बद्ध हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के 40 प्रतिशत, न्यूजीलैंड के 31 प्रतिशत, इंग्लैंड के 30 प्रतिशत, जापान के 29 प्रतिशत तथा अमेरिका के 26 प्रतिशत लोग शेयर बाजार से सम्बद्ध हैं. 

चूंकि देश का आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है अतएव शेयर बाजार में छोटे निवेशकों द्वारा कदम तेजी से बढ़ाना जरूरी है.

चूंकि शेयर बाजार में लंबे समय से सुस्त पड़ी हुई कंपनियों के शेयर की बिक्र ी कोविड-19 के बीच तेजी से बढ़ी है, उससे जोखिम भी बढ़ गया है. ऐसे में शेयर बाजार में हर कदम फूंक-फूंककर रखना जरूरी है. शेयर बाजार की ऊंचाई के साथ-साथ छोटे निवेशकों के हितों और उनकी पूंजी की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना जरूरी है. 

शेयर बाजार को प्रभावी व सुरक्षित बनाने के लिए लिस्टेड कंपनियों में गड़बड़ियां रोकने पर विश्वनाथन समिति ने सेबी को जो सिफारिशें सौंपी हैं उनका क्रियान्वयन लाभप्रद होगा.

हम उम्मीद करें कि कोविड-19 की चुनौतियों के बीच नए वर्ष 2021 में शेयर बाजार की कंपनियों के लिए सेबी की सतर्क निगाहें होंगी और सेबी के द्वारा भविष्य के लिए ऐसे कदम सुनिश्चित किए जाएंगे, जिससे शेयर बाजार अनुचित व्यापार व्यवहार से बच सकेगा. 

हम उम्मीद करें कि सरकार आगामी वर्ष 2021-22 के बजट में शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नए कर प्रोत्साहन सुनिश्चित करेगी. वर्ष 2021 में अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार का आधार और मजबूत होगा तथा पूंजी पर प्रतिफल और मुनाफे में उत्साहजनक वृद्धि होगी. इससे अर्थव्यवस्था लाभान्वित होगी.

Web Title: Jayantilal Bhandari's blog: Share Market creating hope for economy boost

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