शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः कारोबार सुगमता से दूर होगी मंदी!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 30, 2019 12:27 PM2019-10-30T12:27:23+5:302019-10-30T12:27:23+5:30
मोदी सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास को अब वर्ल्ड बैंक ने भी स्वीकार किया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार करने में सुगमता की रैंकिंग उस समय आई है, जब देश आर्थिक सुस्ती का शिकार है. साल 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनी थी, तब भारत की रैंकिंग 190 देशों में 142वें स्थान पर थी.
शशांक द्विवेदी
देश में आर्थिक मंदी की सुगबुगाहट के बीच इकोनॉमी के मोर्चे पर भारत को एक अच्छी खबर मिली है. भारत में कारोबार करना अब और आसान हो गया है. विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग (कारोबार सुगमता रैंकिंग) में भारत ने लंबी छलांग लगाई है. भारत अब 14 पायदान के सुधार के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया है. पिछले तीन सालों में भारत की रैंकिंग में 68 पायदान का सुधार आया है. विशेषज्ञों के अनुसार इससे भारत को अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
मोदी सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास को अब वर्ल्ड बैंक ने भी स्वीकार किया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार करने में सुगमता की रैंकिंग उस समय आई है, जब देश आर्थिक सुस्ती का शिकार है. साल 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनी थी, तब भारत की रैंकिंग 190 देशों में 142वें स्थान पर थी.
पिछले साल भारत की रैंकिंग 77 पर पहुंच गई थी. भारत इस सूची में लगातार तीसरे साल अच्छा प्रदर्शन करने वाले देश में भी शामिल है. यह रैंकिंग ऐसे समय में आई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक, वर्ल्ड बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, मूडीज सहित कई एजेंसियों ने आर्थिक सुस्ती को देखते हुए जीडीपी में बढ़त के अनुमान को घटा दिया है. देश में आर्थिक सुस्ती का माहौल है और अर्थव्यवस्था के लगभग सभी मोर्चो पर नकारात्मक खबरें आ रही थीं, लेकिन आने वाले समय में कारोबारी सुगमता में सुधार की वजह से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार सुगमता बेहद महत्वपूर्ण होता है. कारोबार की सुगमता में किसी देश की रैंकिंग के जो 10 पैमाने होते हैं उसके 10 में से 7 संकेतकों में विश्व के सबसे अच्छे मानकों में भारत और करीब पहुंच गया है. पहले ये 10 में से 6 मानकों के सबसे अच्छे होने की स्थिति में था.
हालांकि सबसे अच्छी बात ये है कि निर्माण की गतिविधियों के पैमाने पर देश ने सबसे अच्छी प्रगति हासिल की है और ये सीमाओं के पार भी फैल रहा है. सरकार निर्माण गतिविधियों को मंजूरी देने के मामले में लगातार सुधार दिखा रही है. साल 2018 में निर्माण गतिविधियों के मामले में भारत की रैंक सुधरकर 181वें स्थान से 52वें स्थान पर आ गई है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत की रैंकिंग के सुधरने के पीछे इसका बड़ा हाथ है. रैंकिंग सुधरने की वजह से भारत एशिया की प्रमुख आर्थिक ताकत के तौर पर उभर सकता है.