दुनिया में व्यापार का बिगड़ता गणित

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 30, 2018 11:21 AM2018-07-30T11:21:48+5:302018-07-30T11:21:48+5:30

1995 में डब्ल्यूटीओ के अस्तित्व में आने के बाद उसमें हुए बाध्यकारी समझौतों के चलते टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाएं समाप्त होने के कारण दुनिया के व्यापार में भारी वृद्धि हुई।  

Deteriorating mathematics of business in the world | दुनिया में व्यापार का बिगड़ता गणित

दुनिया में व्यापार का बिगड़ता गणित

(अश्विनी महाजन)

चीन और अमेरिका के बीच जो विदेशी व्यापार को लेकर जंग छिड़ी है, उसका क्या भविष्य होगा, कोई नहीं जानता।  लेकिन यह दिख रहा है कि कुल मिलाकर दुनिया के व्यापार में आमूल-चूल परिवर्तन होंगे।  अमेरिका ने पहले स्टील और एल्युमीनियम पर क्रमश: 25 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाकर इस बदलाव का आगाज कर दिया था।  इसके बाद चीन से आने वाले विविध उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर इस व्यापार युद्ध का रुख चीन की तरफ मोड़ दिया।  दुनिया भर के लोग इस बात से चिंतिंत दिखाई देते हैं कि अब दुनिया का व्यापार पहले जैसा नहीं रहेगा।  

1995 में डब्ल्यूटीओ के अस्तित्व में आने के बाद उसमें हुए बाध्यकारी समझौतों के चलते टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाएं समाप्त होने के कारण दुनिया के व्यापार में भारी वृद्धि हुई।  विभिन्न देशों के बीच व्यापार में वृद्धि की दर पिछले 23 वर्षो में 6़ 4 प्रतिशत से ज्यादा रही।    इसके पहले के 27 वर्षो में यह वृद्धि दर मात्र 5 प्रतिशत की थी।  कहा जाता है कि पिछले दो दशकों में दुनिया में विकास की दर पहले से कहीं ज्यादा रही और इसका मुख्य कारण बढ़ता विदेशी व्यापार था।  
यूं तो व्यापार में हर देश अपने फायदे के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर दूसरे देशों को पछाड़ने का काम करता है।  इसमें सबसे आसान तरीका होता है, टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाएं खड़ी कर, उनके आयातों को अपने देश में आने से रोकना। 

 यह काम 1995 से पहले हर देश किया करता था।  लेकिन डब्ल्यूटीओ के गठन के साथ यह व्यापार युद्ध इतिहास बन गया, क्योंकि डब्ल्यूटीओ समझौतों के तहत टैरिफ बढ़ाना या गैर-टैरिफ बाधाएं लगाकर आयातों को रोकना अब मुश्किल होने लगा।  लेकिन हाल ही के समय में, खासतौर पर पिछले 6 महीने में अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाकर व्यापार युद्ध का आगाज कर दिया है। 

यह व्यापार युद्ध मात्र आर्थिक कारणों से नहीं है।  हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह कहना है कि अमेरिका में बंद पड़ी फैक्टरियों को चलाने के लिए चीन से आने वाले सस्ते सामानों पर रोक लगाना जरूरी है, ताकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आए ठहराव और बेरोजगारी को दूर किया जा सके।  लेकिन इसके पीछे एक गहरा कारण है।  सीआईए के एक अधिकारी ने यह कहा कि पिछले काफी समय से चीन ने अमेरिका के खिलाफ एक शीत युद्ध सा छेड़ रखा है, जिसके तहत चीन अमेरिका के दुनिया में महाशक्ति होने के दावे को चुनौती दे रहा है।   इस प्रकार इस व्यापार युद्ध के कूटनीतिक कारणों से भी इंकार नहीं किया जा सकता।  

Web Title: Deteriorating mathematics of business in the world

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