ब्लॉग: कारोबार सुगमता से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: August 2, 2023 08:18 AM2023-08-02T08:18:34+5:302023-08-02T08:21:32+5:30

यह बात महत्वपूर्ण है कि एक अप्रैल 2023 से लागू देश की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) विदेश व्यापार को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. नई विदेश व्यापार नीति के तहत सरकार निर्यात के दायरे को बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने की डगर पर आगे बढ़ी है.

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ब्लॉग: कारोबार सुगमता से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

हाल ही में 27 जुलाई को लोकसभा ने जिस जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दी है, वह उद्योग-कारोबार बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है. इसमें कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रस्ताव किया गया है. ये 42 कानून जिन विभिन्न 19 केंद्रीय मंत्रालयों से संबद्ध हैं, उन मंत्रालयों में वित्त, वित्तीय सेवाएं, कृषि, वाणिज्य, पर्यावरण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, डाक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं.

विभिन्न अधिनियमों में संशोधन के जरिये मुकदमों में वृद्धि से बचने के लिए जहां भी संभव हो कारावास के साथ जुर्माने को हटाकर नियम का उल्लंघन करने पर मौद्रिक दंड लगाए जाने तथा छोटे-मोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने के प्रस्ताव के अलावा अपराध की गंभीरता के आधार पर मौद्रिक दंड को तर्कसंगत बनाने, भरोसे पर आधारित राजकाज को बढ़ावा देने के भी प्रस्ताव किए गए हैं.

ज्ञातव्य है कि उद्योग-कारोबार को आसान बनाने के लिए विगत 9 वर्षों में करीब 1500 पुराने कानूनों और 40 हजार अनावश्यक अनुपालन को समाप्त कर दिया गया है. आर्थिक क्षेत्र में जीएसटी और दिवालिया कानून जैसे सुधार किए गए हैं. बैंकिंग क्षेत्र में जोरदार सुधार करके मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद की मदद से अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया गया है. कॉर्पोरेट टैक्स को कम किया गया है. कारोबार का खुद संचालन करने के बजाय सरकार ने कारोबार करने के लिए आधार तैयार किया है.

गौरतलब है कि 17 जुलाई को विश्व की प्रसिद्ध ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन के द्वारा भारत में आर्थिक-वित्तीय सुधार एवं डिजिटलीकरण पर प्रकाशित रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत ऐतिहासिक सुधारों, बुनियादी ढांचा विकास, वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण के बल पर कारोबार सुगमता की डगर पर लंबी छलांग लगाते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इन दिनों प्रकाशित हो रही कारोबार की अनुकूलताओं से संबंधित अन्य कई वैश्विक रिपोर्टें भारत में कारोबार सुगमता के परिवेश को रेखांकित करते हुए दिखाई दे रही हैं.

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग की डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा संबंधी रिपोर्ट में भारत 140 देशों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे आगे पहुंच गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पारदर्शिता, औपचारिकताएं, संस्थागत व्यवस्था, सहयोग और कागज रहित व्यापार संबंधी मूल्यांकन में भारत ने 100 प्रतिशत की उत्कृष्ट रैंक हासिल की है. दो वर्ष पहले 2021 में प्रकाशित डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा रिपोर्ट में भारत ने 90.32 फीसदी अंक हासिल किए थे तथा वर्ष 2019 में इस रिपोर्ट में भारत को 78.49 फीसदी अंक मिले थे. स्पष्ट है कि पिछले चार वर्षों में भारत डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधाओं में छलांगें लगाकर आगे बढ़ा है.

यह बात महत्वपूर्ण है कि एक अप्रैल 2023 से लागू देश की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) विदेश व्यापार को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. नई विदेश व्यापार नीति के तहत सरकार निर्यात के दायरे को बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने की डगर पर आगे बढ़ी है. इससे निर्यात से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी दूर हो सकेगी. सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की पहचान का काम पहले ही पूरा कर चुकी है.

जिला स्तर पर निर्यात सुविधा विकसित होने से उस जिले के उत्पाद को आसानी से निर्यात किया जा सकेगा. कारोबार सुगमता के ऐसे प्रयासों से भारत का ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक 200 से 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

निश्चित रूप से डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार के मद्देनजर भारत लाभ की स्थिति में है. लेकिन स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अभी सीमित संख्या में ही भारत में डिजिटल की कौशल प्रशिक्षित प्रतिभाएं डिजिटल कारोबार की जरूरतों को पूरा कर पा रही हैं. अब दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले भारत को बड़ी संख्या में युवाओं को डिजिटल कारोबार के दौर की और नई तकनीकी योग्यताओं के साथ एआई, क्लाउड कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग एवं अन्य नए डिजिटल स्किल्स से सुसज्जित किया जाना होगा. अब भारत के द्वारा यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के छह देशों, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और इजराइल के साथ एफटीए के लिए प्रगतिपूर्ण वार्ताएं तेजी से पूरी करनी होंगी. रुपए को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे.

देश की नई विदेश व्यापार नीति, नई लॉजिस्टिक नीति और गति शक्ति योजना की अभूतपूर्व रणनीतियों से भारत को आर्थिक प्रतिस्पर्धी देश के रूप में तेजी बढ़ानी होगी. हमें इस वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान इस सम्मेलन की विभिन्न बैठकों में लगातार आते जा रहे विशिष्ट विदेशी प्रतिनिधियों को भारत के डिजिटल विकास और कारोबार सुगमता के परिदृश्य से अच्छी तरह परिचित कराना होगा. निश्चित रूप से कारोबार सुगमता के लिए ऐसे और अधिक प्रयासों से देश में उद्योग और कारोबार, निर्यात, निवेश व रोजगार के मौके बढ़ेंगे.

Web Title: Blog: Ease of doing business will increase the economy

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