ब्लॉग: असमान मानसून के कारण देश में कृषि क्षेत्र के सामने चुनौतियां

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 12, 2022 11:08 AM2022-09-12T11:08:41+5:302022-09-12T11:09:26+5:30

असमान मानसून ने देश में कृषि क्षेत्र के तेजी से बढ़ते रिकॉर्ड ग्राफ के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. वैसे, इस समय भारत में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार हैं.

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असमान मानसून के कारण कृषि क्षेत्र के सामने चुनौतियां

यद्यपि इस बार पूरे देश में मानसून की बारिश सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मणिपुर जैसे राज्यों में सामान्य से कम बरसात होने के कारण यहां कृषि परिदृश्य पर परेशानियां दिखाई दे रही हैं. इन प्रदेशों में खरीफ सीजन की खेती प्रभावित हुई है और खासतौर से इन क्षेत्रों में धान उत्पादन के लक्ष्य के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.

गौरतलब है कि अगस्त 2022 के अंत में यह पाया गया है कि देश में खरीफ सीजन की बोआई अंतिम दौर पर पहुंचने के बावजूद चालू सीजन में फसलों का कुल रकबा पिछले साल 2021 की अपेक्षा थोड़ा कम है. हाल ही में कृषि मंत्रालय एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दो सितंबर तक देश में खरीफ फसलों का कुल रकबा 1.6 फीसदी घटकर 1045.14 लाख हेक्टेयर रह गया है जबकि पिछले साल इस समय तक देश में 1061.92 लाख हेक्टेयर में फसलों की बोआई हुई थी.

वर्ष 2022 में असमान मानसून ने आगामी रबी सीजन की फसलों के लिए भी गंभीर चुनौती पैदा कर दी है. मिट्टी में नमी की कमी देश के पूर्वी राज्यों में रबी की खेती और जलवायु परिदृश्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. ऐसे में मूडीज इनवेस्टर सर्विस (मूडीज) ने देश में बढ़ती ब्याज दरों और असमान मानसून के कारण भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटा दिया है. 

इससे पहले मूडीज ने मई 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था, जिसे अब घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है. निश्चित रूप से असमान मानसून ने कृषि क्षेत्र के तेजी से बढ़ते रिकॉर्ड ग्राफ के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. यद्यपि इस समय भारत में खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार हैं. देश में एक जुलाई 2022 को 8.33 करोड़ टन खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) का बफर भंडार है.

हम उम्मीद करें कि सरकार वर्ष 2022 में असमान मानसून की चुनौतियों के मद्देनजर विभिन्न कृषि विकास कार्यक्रमों और खाद्यान्न, तिलहन व दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए लागू की गई नई योजनाओं के साथ-साथ डिजिटल कृषि मिशन के कारगर क्रियान्वयन की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी.

हम यह भी उम्मीद करें कि सरकार कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आधुनिकीकरण और कृषि क्षेत्र में फसलों के विविधीकरण की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी. ऐसे में विभिन्न उपायों से इस समय असमान मानसून और मानसून की बेरूखी के कारण देश के कृषि मानचित्र पर भारतीय कृषि की चुनौतियों का जो चित्र उभर रहा है उसमें बहुत कुछ सुधार हो सकेगा.

Web Title: Blog: Challenges before the agriculture sector in country due to uneven monsoon

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