ASEAN-India Summit: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के लिए मौके

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: October 23, 2024 18:09 IST2024-10-23T18:08:11+5:302024-10-23T18:09:16+5:30

ASEAN-India Summit: वर्ल्ड बैंक के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट अक्तूबर 2024 में कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच चीन के प्रोत्साहन उपायों के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त होगी और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

ASEAN-India Summit Opportunities for India amid global challenges blog Jayantilal Bhandari relations | ASEAN-India Summit: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के लिए मौके

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Highlightsवर्ष 2024 में चीन की विकास दर घटकर 4.0 फीसदी होगी.भारत की विकास दर 6.3 फीसदी से अधिक रहेगी. भारत के लिए नए अवसरों का आधार है.

ASEAN-India Summit: हाल ही में लाओस के विएंतियाने में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में आसियान देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक ये देश इस समूचे क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता से असहज और परेशान हैं तथा भारत के साथ आर्थिक, कारोबारी व सुरक्षा संबंधों का नया दौर आगे बढ़ाएंगे. इसी तरह हाल ही में वर्ल्ड बैंक के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट अक्तूबर 2024 में कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच चीन के प्रोत्साहन उपायों के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त होगी और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

वर्ष 2024 में चीन की विकास दर घटकर 4.0 फीसदी होगी. जबकि भारत की विकास दर 6.3 फीसदी से अधिक रहेगी. वस्तुतः भारत के पास उपभोक्ताओं का उभरता हुआ विशाल बाजार, युवाओं में जबरदस्त ढंग से आगे बढ़ने की ललक, उद्यमिता की भावना और सुधार का रवैया वैश्विक संघर्ष और चुनौतियों के बावजूद भारत के लिए नए अवसरों का आधार है.

गौरतलब है कि विगत 4 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान युद्ध की अनिश्चितता के बीच भी दुनिया का भारत पर असाधारण आर्थिक विश्वास बना हुआ है. दुनिया में भारत ग्लोबल फिनटेक एडाप्शन के मामले में पहले क्रम पर है. इंटरनेट उपभोक्ताओं के मामले में दूसरे क्रम पर है.

स्टार्टअप के मामले में तीसरे क्रम पर है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में चौथे क्रम पर है. यद्यपि इस समय पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध के विस्तारित होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर बढ़ रहा है, लेकिन फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्विक विश्वास और तेज विकास के मद्देनजर देसी उद्यमियों के साथ वैश्विक उद्यमियों के लिए भी बढ़ते अवसरों का परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है.

इस परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि हाल ही में  दुनिया की ख्यातिप्राप्त वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि सितंबर 2024 के दौरान भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए खुद को निवेश की पसंदीदा जगह बना लिया है. इसी परिप्रेक्ष्य में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपनी नई रिपोर्ट 2024 में कहा है कि भारत आर्थिक विकास, विदेशी निवेश और नई तकनीकों के उपयोग की ऊंची संभावनाओं वाला देश है.

अमेरिका चेंबर ऑफ कॉमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में अमेरिका की कंपनियों की वैश्विक निवेश पसंदगी में भारत का दूसरा स्थान है. इस समय चीन अमेरिकी निवेशकों की प्राथमिकता खोता जा रहा है. इतना ही नहीं अमेरिका और चीन में बढ़ते तनाव के माहौल में इस समय चीन में कार्यरत 12 लाख करोड़ रुपए निवेश वाली 50 अमेरिकी कंपनियां अपना कारोबार चीन से समेटने की तैयारी में हैं.

इन कंपनियों में से 15 कंपनियां भारत में निवेश की तैयारी कर रही हैं. हम उम्मीद करें कि इस समय पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध के विस्तारित होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौर के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी.

साथ ही आर्थिक विकास के रणनीतिक प्रयासों से भारत में विकास का अध्याय आगे बढ़ता जाएगा. रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे. इससे देश 2027 में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 में विकसित भारत बनने की डगर पर आगे बढ़ेगा.

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