Chandrababu Naidu: बाकी मुख्यमंत्रियों के लिए प्रेरणा हैं चंद्रबाबू नायडू, जानिए
By विवेक शुक्ला | Updated: June 13, 2024 08:37 IST2024-06-13T08:36:04+5:302024-06-13T08:37:57+5:30
Andhra Pradesh new cm n Chandrababu Naidu: हैदराबाद और आंध्र प्रदेश में दर्जनों आईटी कंपनियों ने तगड़ा निवेश किया.

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Andhra Pradesh new cm n Chandrababu Naidu: क्या इसे संयोग माना जाए कि चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ विजयवाड़ा के आईटी पार्क में आयोजित एक समारोह में ली? उन्हें अपने प्रदेश को आईटी हब बनाने का श्रेय जाता है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा के साथ-साथ कई अन्य नेता शामिल रहे. चंद्रबाबू नायडू जब दिल्ली से दूर शपथ ले रहे थे, तब राजधानी के आंध्र भवन में काम करने वाले एक अधिकारी बता रहे थे कि वे (नायडू) जब भी दिल्ली आते हैं, तो वे बड़े उद्योगपतियों से अवश्य मिलते हैं. उनसे गुजारिश करते हैं कि वे उनके प्रदेश में निवेश करें.नायडू पहली बार लगभग तीन दशक पहले 1995 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.
जब उन्होंने अपने ससुर एनटी रामाराव को सत्ता से बेदखल कर दिया था. नायडू ने अपनी इमेज एक उद्योग-समर्थक और प्रौद्योगिकी-समर्थक वाले नेता की बनाई है. उन्होंने हैदराबाद को आईटी हब के रूप में स्थापित करने में दिन-रात मेहनत की. अपने राज्य का पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वे माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स से मिले. उस मुलाकात के बाद हैदराबाद की किस्मत खुल गई थी.
वहां दुनिया भर की चोटी की आईटी कंपनियों ने अरबों रुपए का निवेश किया. एक इंटरव्यू में नायडू ने बिल गेट्स से हुई मुलाकात की जानकारी दी थी. गेट्स किसी काम के लिए राजधानी में थे. नायडू की तरफ से अमेरिकी एंबेसी के अधिकारियों से गुजारिश की गई कि उनकी (नायडू की) गेट्स से मुलाकात करवा दी जाए.
उन्हें बताया गया कि गेट्स बहुत व्यस्त हैं, और अगर वे सच में उनसे मिलने को इच्छुक हैं तो वे शाम को एंबेसी के रुजवेल्ट हाउस में आयोजित पार्टी में शामिल हो जाएं. वहां गेट्स मिलेंगे. अमेरिकी राजदूत के एंबेसी परिसर में आवास को रुजवेल्ट हाउस कहा जाता है. यहां राजदूत गणमान्य हस्तियों को भोज पर बुलाते हैं.
वहां तय समय पर नायडू पहुंच गए गेट्स से मिलने. वहां दोनों मिले. नायडू ने एक लैपटॉप के माध्यम से गेट्स को प्रजेंटेशन दिया. इस तरह से प्रजेंटेशन देने वाले नायडू भारत के पहले नेता थे. यह सब देखकर गेट्स काफी प्रभावित हुए. इसके बाद हैदराबाद में माइक्रोसॉफ्ट का विकास केंद्र स्थापित हुआ. उसके बाद तो हैदराबाद और आंध्र प्रदेश में दर्जनों आईटी कंपनियों ने तगड़ा निवेश किया.
नायडू और गेट्स के बीच मुलाकात 20 मिनट के लिए तय थी, लेकिन गेट्स ने उनके साथ 40 मिनट बिताए. नायडू ने कहा कि गेट्स ने उस मुलाकात में उनसे कहा था कि जब भी माइक्रोसॉफ्ट अपने केंद्र को अमेरिका के बाहर खोलना चाहेगा, तो वे नायडू के अनुरोध पर विचार करेंगे. माइक्रोसॉफ्ट ने न केवल हैदराबाद में अपना विकास केंद्र खोला, बल्कि हैदराबाद के रहने वाले सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ भी बनाया.